उन्होंने बताया कि वे अनेक बार बहन-बेटियों के दांपत्य सूत्र बंधन के साक्षी बने हैं और राजनीतिक परिवार से होने के कारण उन्हें इन मांगलिक कार्यों में हमेशा से सीधा जुड़ाव भी रहा है और जब भी वे बहन-बेटियों की शादी में शामिल होने पहुंचते हैं तो वहां पर स्वागत स्वरुप साफा बंधवाने और माला पहनाने की औपचारिकताएं होती है।
जिससे आत्मिक रूप से गहरी चोट लगती थी और ऐसा अनेक बार हुआ भी, लेकिन अब गहन चिंतन और मनन के बाद यह निर्णय किया है कि अब बहन-बेटियों के विवाह समारोह में जब भी शिरकत करेंगे तो वहां पर स्वागत नहीं करवाएंगे। वे साफा भी नहीं बंधवाएंगे और ना ही माला पहनेंगे।
गौरतलब है कि जब भी कोई जनप्रतिनिधि किसी विवाह समारोह में शामिल होने जाता है तो वहां पर विवाह समारोह वाले घर के परिजन सर्वप्रथम जनप्रतिनिधि का स्वागत करने के लिए तत्पर रहते हैं। विधायक राजेंद्र मीणा द्वारा की गई इस पहल के बाद बदलाव की ओर अन्य जनप्रतिनिधियों के कदम भी बढ़ेंगे।