दिव्यांग ला सकते हैं मददगार
पंचायतराज चुनाव में दिव्यांग मतदाता की मदद पीआरओ करते हैं। निकाय चुनाव में वोटिंग के लिए दिव्यांग अपनी मदद के लिए किसी भी 18 वर्ष से नागरिक को ला सकते हैं। इसके लिए सहघोषणा पत्र भरकर देना होगा। वहीं निकाय चुनाव में मतदान के दौरान प्रत्याशी के एजेंट की ओर से किसी मतदाता की पहचान पर ऐतराज जताने पर 2 रुपए चुनौती शुल्क भी लगेगा। पंचायतराज चुनाव में यह शुल्क नहीं था।
पंचायतराज चुनाव में दिव्यांग मतदाता की मदद पीआरओ करते हैं। निकाय चुनाव में वोटिंग के लिए दिव्यांग अपनी मदद के लिए किसी भी 18 वर्ष से नागरिक को ला सकते हैं। इसके लिए सहघोषणा पत्र भरकर देना होगा। वहीं निकाय चुनाव में मतदान के दौरान प्रत्याशी के एजेंट की ओर से किसी मतदाता की पहचान पर ऐतराज जताने पर 2 रुपए चुनौती शुल्क भी लगेगा। पंचायतराज चुनाव में यह शुल्क नहीं था।
15 बटन की मशीन, मेमोरी कार्ड भी अलग
भारत निर्वाचन आयोग की सिंगल पोस्ट-सिंगल वोट वाली ईवीएम में नोटा सहित 16 बटन होते थे। निकाय चुनाव में प्रयोग होने वाली एमपीएसवी में नोटा सहित 15 बटन उपयोग के लिए होंगे। हालांकि 16वां बजट ‘एंडÓ का होगा, लेकिन वह निकाय चुनाव में मतदाता के लिए उपयोग का नहीं है। प्रत्याशियों की संख्या 14 से अधिक होने पर अलग से बेलेट यूनिट लगेगी। एमपीएसवी में मेमोरी कार्ड भी लगा है, जिसे सिक्योर डिटेचेबेल मेमोरी मोड्यूल (एसडीएमएम) कहा जाता है। नीले रंग की ईवीएम में कंट्रोल यूनिट में ही मेमोरी रहती थी। गुलाबी ईवीएम में मेमोरी कार्ड अलग से होता है। आवश्यकता होने पर मेमोरी कार्ड को हटाकर डाटा को सुरक्षित रखा जा सकता है, पूरी कंट्रोल यूनिट को रखने की जरूरत नहीं है।
भारत निर्वाचन आयोग की सिंगल पोस्ट-सिंगल वोट वाली ईवीएम में नोटा सहित 16 बटन होते थे। निकाय चुनाव में प्रयोग होने वाली एमपीएसवी में नोटा सहित 15 बटन उपयोग के लिए होंगे। हालांकि 16वां बजट ‘एंडÓ का होगा, लेकिन वह निकाय चुनाव में मतदाता के लिए उपयोग का नहीं है। प्रत्याशियों की संख्या 14 से अधिक होने पर अलग से बेलेट यूनिट लगेगी। एमपीएसवी में मेमोरी कार्ड भी लगा है, जिसे सिक्योर डिटेचेबेल मेमोरी मोड्यूल (एसडीएमएम) कहा जाता है। नीले रंग की ईवीएम में कंट्रोल यूनिट में ही मेमोरी रहती थी। गुलाबी ईवीएम में मेमोरी कार्ड अलग से होता है। आवश्यकता होने पर मेमोरी कार्ड को हटाकर डाटा को सुरक्षित रखा जा सकता है, पूरी कंट्रोल यूनिट को रखने की जरूरत नहीं है।
मास्टर टे्रनरों ने समझी प्रक्रिया
राज्य निर्वाचन आयोग की मल्टी पोस्ट सिंगल वोट के साथ निकाय चुनाव के लिए मास्टर ट्रेनरों की मंगलवार को पीजी कॉलेज में आमुखीकरण कार्यशाला हुई। इसमें ईवीएम व पोल प्रक्रिया के अलग-अलग सत्र आयोजित किए गए। स्टेट लेवल मास्टर ट्रेनर पवन कटारिया, पीयूष शर्मा, जितेन्द्र बारोलिया, कैलाश कट्टा, रमेश कुमार आदि ने प्रशिक्षण दिया। एडीएम लोकेश मीना व प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के सहायक प्रभारी राजीव व्यास ने जायजा लिया। अब 4 दिसम्बर को पीठासीन अधिकारी और प्रथम मतदान अधिकारियों का प्रशिक्षण होगा। अंतिम प्रशिक्षण 10 दिसम्बर को सम्बंधित उपखण्ड मुख्यालय पर होगा।
राज्य निर्वाचन आयोग की मल्टी पोस्ट सिंगल वोट के साथ निकाय चुनाव के लिए मास्टर ट्रेनरों की मंगलवार को पीजी कॉलेज में आमुखीकरण कार्यशाला हुई। इसमें ईवीएम व पोल प्रक्रिया के अलग-अलग सत्र आयोजित किए गए। स्टेट लेवल मास्टर ट्रेनर पवन कटारिया, पीयूष शर्मा, जितेन्द्र बारोलिया, कैलाश कट्टा, रमेश कुमार आदि ने प्रशिक्षण दिया। एडीएम लोकेश मीना व प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के सहायक प्रभारी राजीव व्यास ने जायजा लिया। अब 4 दिसम्बर को पीठासीन अधिकारी और प्रथम मतदान अधिकारियों का प्रशिक्षण होगा। अंतिम प्रशिक्षण 10 दिसम्बर को सम्बंधित उपखण्ड मुख्यालय पर होगा।
इनका कहना है…
निकाय चुनाव में मल्टी पोस्ट सिंगल वोट मशीन का उपयोग होने जा रहा है। इसके लिए मास्टर टेनर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हालांकि निकाय चुनाव में मतदाता को इसमें कोई फर्क नहीं लगेगा। मतदाता उसी तरह मतदान करेंगे, जैसा पहले करते आए हैं।
पीयुष समारिया, जिला निर्वाचन अधिकारी दौसा
निकाय चुनाव में मल्टी पोस्ट सिंगल वोट मशीन का उपयोग होने जा रहा है। इसके लिए मास्टर टेनर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हालांकि निकाय चुनाव में मतदाता को इसमें कोई फर्क नहीं लगेगा। मतदाता उसी तरह मतदान करेंगे, जैसा पहले करते आए हैं।
पीयुष समारिया, जिला निर्वाचन अधिकारी दौसा