कई बार तो स्थिति ये हो जाती है कि इन जानवरों के सड़क से नहीं हटने के कारण जाम की स्थिति बन जाती है। किसानों का कहना है कि खरीफ की फसल काफी बड़ी हो गई है। ये आवारा जानवर खेतों में चरने के लिए घुस जाते हैं और फसल को चौपट कर जाते हैं। शहरी क्षेत्र में नगरपालिका एवं ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत प्रशासन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। जबकि भारतीय किसान संघ की ओर से मुख्यमंत्री के नाम कई बार ज्ञापन भी सौंपे जा चुके हैं, लेकिन अभी तक क्षेत्र में कोई गोशाला संचालित किए जाने की कार्रवाई नहीं की गई है। ये आवारा जानवर रेलवे स्टेशन पर भी घूमते नजर आते हैं। इससे गंदगी बिखरी रहती है। आवारा जानवरों के गंदगी बिखेरने से शहर का सौन्दर्यीकरण भी पूरी तरह बिगड़ा हुआ है।
मरियाड़ा पशु चिकित्सालय पर लटका ताला
मानपुर. मरियाड़ा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर संचालित राजकीय पशु चिकित्सालय में कार्यरत चिकित्सक का तबादला होने के बाद दूसरा नहीं लगाने से चिकित्सालय पर तीन दिन से ताला लटका हुआ है। इससे पशुपालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चिकित्सालय में एलएसए व सहायक कर्मचारी का पद भी करीब तीन साल से रिक्त चल रहा है।
पशुपालक राजेश गुर्जर, मानसिंह गुर्जर, अनिल सहित अन्य ने बताया कि पंचायत के जीर्ण-शीर्ण भवन में संचालित पशु उपकेंद्र को क्रमोन्नत कर चिकित्सालय बना दिया, लेकिन यहां कार्यरत चिकित्सक कमलेश मीना का स्थानांतरण होने के बाद दूसरा नहीं लगाने से तीन-चार दिन से चिकित्सालय बंद पड़ा है। इससे पशुपालकों को मवेशियों के उपचार सहित अन्य सरकार की योजनाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है।