जानकारी के अनुसार शहर के कोथून रोड स्थित एक होटल के पिछवाड़े में संचालित कारखाने में इस पेंथर को सुबह करीब पांच बजे होटल मालिक ने सबसे पहले देखा। पेंथर ने होटल मालिक गिर्राज प्रसाद सैनी पर हमला किया तो वह घबरा गया और उसने पास ही बने शौचालय में घुस कर अपनी जान बचाई। गिर्राज ने मोबाइल फोन से घटना की जानकारी अपने परिजनों व रिश्तेदारों को दी। सूचना मिलने पर लालसोट थाना प्रभारी राजेन्द्र कुमार मीना, पालिका अध्यक्ष जगदीश सैनी समेत दर्जनों लोग मौके पर पहुंच गए।
मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों व वन कर्मियों ने होटल के पिछवाड़े तक जाकर देखा तो वहां ‘पैंथर‘ नजर नहीं आया। इसके बाद वन विभाग व पुलिस कर्मियों ने ‘पैंथर‘को आसपास के इलाकों में ढूंढने के लिए अभियान चलाया तो पास यह पेंथर पास ही मौजूद मुस्लिम कब्रिस्तान की झाडिय़ों में छिपा नजर आया। इसके बाद पेंथर भाग कर पोस्ट आफिस के पास एक मकान के बेसमेंट में छिप गया।
वनपाल समेत आधा दर्जन लोगों को किया घायल
‘पैंथर‘ ने होटल संचालक गिर्राज प्रसाद सैनी को घायल करने के बाद वनपाल गिरधारीलाल मीना, बालिका फिजा मोहम्मद, रामचरण, हरिप्रसाद व बाबूलाल सैनी को भी घायल कर दिया। जानकारी के अनुसार बालिका फिजा मोहम्मद स्कूल जा रही थी। इसी दौरान उस पर ‘पैंथर‘ ने हमला कर दिया।
हरिप्रसाद की दिलेरी लाई रंग
पोस्ट आफिस के पास एक मकान में छिपे ‘पैंथर‘ को पकडऩे के लिए जब वन विभाग के कर्मचारियों ने लोहे की जाली लगाने का प्रयास किया तो इसी दौरान पेंथर जाली को तोड़ कर बाहर रोड पर आ गया और वहां मौजूद हरिप्रसाद बैरवा पर हमला कर दिया। इसके बाद हरिप्रसाद ने भी दिलेरी दिखाते हुए पेंथर को जमीन पर गिरा दिया। इसी दौरान मौके पर मौजूद भीड़ ने ‘पैंथर‘ को लाठियों से वार करते हुए उसे अधमरा कर दिया। बाद में बेहोशी की हालत में इस ‘पैंथर‘ को पास ही मौजूद पशु चिकित्सालय पहुंचाया गया।
खाली हाथ पहुंचे वन विभाग के कर्मचारी
वन विभाग में इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए किए जाने वाले प्रबंधों की उस वक्त पोल खुलती नजर आई तब ‘पैंथर‘ मूवमेंट की जानकारी के बाद मौके पर वन विभाग के चार-पांच कर्मचारी खाली हाथ ही पहुंच गए। इस दौरान वनपाल गिरधारीलाल पालिका अध्यक्ष व पुलिस अधिकारियों से जाल मंगवाने की गुहार भी करते नजर आए।
घरों में दुबके लोग
‘पैंथर‘ दिखाई देने के बाद कोथून रोड, पोस्ट आफिस समेत कई इलाकों में लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो गया। घटना के बाद इस इलाके में रहने लोग घरों में ही दुब कर रह गए और छतों पर रह कर पूरा नजारा देखते रहे।