वन विभाग की गीजगढ़ चौकी प्रभारी फोरेस्टर गिरधारीलाल मीना ने बताया कि पैंथर का शावक पानी पीने के लिए नीचे उतरा था। वह पानी के टैंक के पास पहुंच गया था। लेकिन शावक छोटा होने के कारण उसको पानी नहीं मिला। इससे वह घायल हो गया। ग्रामीणों ने तो उसको पानी भी पिलाया लेकिन वह बच नहीं पाया। बकरी के खूंटे से उसे इसलिए बाँधा कि वह भाग नहीं जाए। तीन चिकित्सको से पोस्टमार्टम कराया तो उन्होंने भी मौत प्यास से बताई। गीजगढ़ पुलिस चौकी के पुलिस कर्मी ने बताया कि शावक की मौत प्यास से ही हुई है। नायब तहसील विनोद गुप्ता, रेंजर अजीत, बाबूलाल, प्रीति बसवाल आदि मौजूद थे।