जवाब- कोरोना वायरस एक महामारी के रूप में सामने आया है। हम सभी इससे डट कर लड़ रहे हैं और आगे भी लडऩा होगा। किसी भी कीमत पर कोरोना से हार नहीं माननी है। जिले अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम भी बहुत अच्छा काम कर रही है।
जवाब – दौसा जिले में पहला केस 3 अप्रेल को सामने आया था। उसी दिन प्रभावित इलाके में कफ्र्यू भी लगाना पड़ा। लॉकडाउन भी पहले से ही चल रहा था। लॉकडाउन में जिलेवासियों ने स्वयं का नुकसान झेलते हुए जिला प्रशासन का पूरा सहयोग दिया।
जवाब -जिले मे लॉकडाउन से कई कारखाना मालिकों को उनका काम नहीं चलने से नुकसान भी हुआ होगा। लेकिन यह सभी के साथ हुआ है। लॉकडाउन में लोगों की जान बचाने के लिए लागू की गई गाइडलाइन का पालन हर किसी को करना था। अब बाहर के मजदूर अपने घर गए। उन्होंने कहा कि वे मजदूर कब वापस आएंगे, इस सम्बन्ध में तो सरकार निर्णय लेगी, लेकिन यहां पर जो श्रमिक एवं मजदूर हैं उनसे ही बेहतर काम करवाया जाए, इसके लिए उन्होंने जिला उद्योग महा प्रबंधक को निर्देश दे दिए। यहां के मजदूरों को ही ओर अधिक प्रशिक्षित किया जाए, ताकि विपरित परिस्थितियों में अधिक उत्पादन हो सके। एक मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उद्योग धंधों के बिजली के बिल माफ करना, उनको आर्थिक पैकेज देना यह सब सरकार के निर्णय होते हैं। वे जरूर लोगों की बात सरकार तक पहुंचा सकते हैं।
जवाब -वर्तमान में भले ही कोरोना पॉजिटिव केस अधिक आ रहे हैं, बाहर से लोग आ रहे हैं तो उनकी वजह से अधिक लोग पॉजिटिव आ रहे हंै, लेकिन स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी।
सवाल – बाहर से आ रहे प्रवासियों के रोजगार पर क्या काम किया जाएगा?