मंगलवार को दिनभर प्रशासनिक अधिकारियों व धरनार्थियोंं के बीच समझाइश का दौर चलता रहा, सहमति नहीं बनी। राज्यसभा सांसद का कहना है कि मृतक पुजारी को न्याय मिलने तक धरना जारी रहेगा। वहीं प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के निर्देशन पर वरिष्ठ नेता अरुण चतुर्वेदी, प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, एसडी शर्मा, जिलाध्यक्ष डॉ रतन तिवाड़ी आदि महुवा धरना स्थल पर पहुंचे। डॉ किरोड़ी के साथ टीम ने प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता की, लेकिन बेनतीजा रही।
थाना प्रभारी कक्ष में प्रशासनिक अधिकारियों व भाजपा नेताओं के बीच चल रही सुलह वार्ता के दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर लोकेश मीणा की बातों से नाराज होकर राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ीलाल मीणा ने उखड़ गए तथा जमकर बरसे और वार्ता को बीच में ही छोडकऱ कक्ष से बाहर निकल गए। एएसपी अनिलसिंह चौहान, जिला परिषद सीईओ लक्ष्मीकांत बालोत आदि ने समझाकर शांत किया। धरने पर बैठे लोगों को जब इस बात का पता लगा तो वे नारेबाजी करते हुए थाना परिसर के अंदर आ गए। एडीएम व तहसीलदार के खिलाफ जमकर नारे लगाए तथा दोनों अधिकारियों को हटाने की मांग करने लगे। बाद में डॉ. किरोड़ी ने लोगों को समझाकर बाहर भेजा।
शाम को मौके पर पहुंचे जिला कलक्टर पीयुष समारिया व पुलिस अधीक्षक अनिलसिंह बेनीवाल तथा भाजपा प्रतिनिधिमंडल के बीच थाना परिसर में वार्ता शुरू हुई, लेकिन राज्यसभा सांसद एडीएम से नाराजगी के चलते वार्ता में नहीं पहुंचे। इस पर जिला परिषद सीईओ धरना स्थल पर पहुंचे। जहां उन्होंने राज्यसभा सांसद से समझाइश की। इसके बाद सांसद वार्ता में शामिल हुए।
रात को भी धरना स्थल पर डटे रहते हैं किरोड़ी
राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा थाने के सामने दिए जा रहे धरने के दौरान पूरी रात भर धरना स्थल पर ही डटे रहते हैं। तथा कुछ समय के लिए यही पर विश्राम करते हैं। फिर कुछ समय बाद अकेले ही इधर-उधर घूमने लग जाते हैं।