Railway administration is getting heavy for passengers… इस रेलवे स्टेशन से अरनिया, कीरतपुरा, प्रतापपुरा, द्वारापुरा, देलाड़ी, धनावड़ सहित दर्जनभर से अधिक ग्राम पंचायतें जुड़ी हुई हैं। यहां के लोग जयपुर, अलवर एवं दौसा के लिए प्रतिदिन सैंकड़ों की संख्या में यात्रा करते हैं, लेकिन यहां मात्र तीन ट्रेनों का ही अप-डाउन में ठहराव है। इसके अलावा अन्य ट्रेनों का ठहराव नहीं होने से आवागमन में भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म दो नीचा होने से यात्रियों को ट्रेनों में चढऩे व उतरने में भी खासी परेशानी होती है। ज्यादा परेशानी महिला, बुजुर्ग एवं बच्चों को झेलनी पड़ती है। रेलवे स्टेशन पर नए शौचालयों का निर्माण तो करा दिया गया, लेकिन यहां शौचालयों में ना तो टंकियां लगाई गई हैं और ना ही पानी की भी कोई समुचित व्यवस्था है। इसके चलते टंकी में लगी टोंटियां भी सूखी पड़ी दिखाई देती हैं।
शौचालय का स्टेशन पर कहीं संकेतक भी नहीं है। इससे यात्री शौचालयों को ढूंढते दिखाई देते हैं। कई बार तो यात्रियों को खुले में शौच जाना पड़ता है। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म दो पर लगा हैण्डपम्प भी खराब पड़ा है। मजबूरन पानी की बोतल खरीदकर खुले में जाना पड़ता है। बैठने के लिए कुर्सियों की कमी भी अखर रही है। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म दो पर तो मात्र बैठने के लिए 2 ही बैंचें लगी हुई हैं। ये बैंच भी प्लेटफार्म शुरू होने वाले स्थान पर लगी हुई हैं। जबकि ट्रेनें आगे जाकर ठहरती हैं।
रेलवे स्टेशन पर अनाउंसमेंट की भी कोई सुविधा नहीं है। इससे यात्रियों को ट्रेन कितनी देर में आएगी इससे जुड़ी जानकारी भी नहीं मिल पाती है। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर सूचना बोर्ड बना हुआ हैै। यदि कोई ट्रेन देरी से आती है तो उस सूचना बोर्ड पर जानकारी अंकित कर दी जाती है। स्टेशन पर कोई पूछताछ कार्यालय भी संचालित नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां यदि खैरथल-जयपुर व जयपुर खैरथल सवारी गाड़ी का स्टेशन पर ठहराव हो जाए। तो रेलवे को राजस्व आय होने के साथ ही क्षेत्र के लोगों को भी आवागमन की समुचित सुविधा मुहैया हो सकती है। हालांकि इसके लिए क्षेत्र के लोग कई बार मांग कर चुके हैं, लेकिन रेल प्रशासन व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते ठहराव नहीं हो सका है।