महापंचायत बाणगंगा नदी बचाओ एंव जल संरक्षण समिति बसवा व सिकराय के तत्वावधान में होगी। आम सभा में अधिक संख्या में लोगों की भीड़ जुटाने के लिए ग्रामीणों ने गांव-गांव जनसम्पर्क शुरु कर दिया है। सिकंदरा सहित आसपास के गांवों में कई बार गोपनीय बैठकों में स्थानिय लोगों ने गुप्त मंत्रणा भी की है। आमसभा की घोषणा होने से पुलिस व प्रशासन सकते में है। जानकारी के अनसुार आम सभा में बाणगंगा नदी का पानी रोकने व दो अक्टूबर को ग्रामीणों द्वारा नदी के बोरवेलो को नष्ट करने के बाद पुसिल द्वारा एक हजार लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमा मुख्य मुद्दा रहेगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर 26 सितम्बर से बाणगंगा नदी में जलदाय विभाग प्रशासन की मुस्तैदी में मशीनों से बोरवेल खुदवा रहा था। सिकंदरा सहित आसपास के लोग भूमि में जल गिरने से बोरवेल खोदने का विरोध कर रहे थे। इसको लेेकर प्रतिनिधि मण्डल के लोग भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी, राजेन्द्र राठौड़ सहित कई अधिकारियों से मिलकर बोरवेल खुदाई का कार्य रोकने की मांग कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने भारी पुलिस जाप्ते के साथ बोरवेल खुदाई कार्य जारी रखा।
दो अक्टूबर को गुस्साएं ग्रामीणों ने पहले तो बाजार बंद कराया। इसके बाद बड़ी संख्या में लोग एक साथ कूच कर बाणगंगा नदी पहुंच गए थे। जहां पर ग्रामीणों ने प्रशासन द्वारा खोदे गए पांच बोरवेलों को पत्थर डालकर नष्ट कर दिया था। जलदाय विभाग के एईईएन ने इस मामले में आठ लोगों के नामजद सहित एक हजार अन्य लोगों के खिलाफ सिकंदरा थाने में विभाग के पूर्णतय निर्मित बोरवेलों को नष्ट करने का मामला दर्ज कराया था।