Strike instead of Aadhar card इसके अलावा किसी भी अन्य सरकारी कार्यालयों मेंं आधार बनाने की मशीन नहीं है। डाकघर में भी इन दिनों एक मात्र मशीन ही काम रही है। वहां भी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही आधार कार्ड के लिए एक माह का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।यहां भी एक दिन में मात्र 25 जनों के ही नए आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं।यहां प्रतिदिन मात्र दो- तीन घंटे ही आधार कार्ड संबंधी कार्य होता है।इसकेे बाद यह कार्य बंद कर देने से लोगों को बैरंग लौटना पड़ता है। आधार कार्ड नही बनने से जहां युवा वर्ग बैंकों में अपने खाते खुलवाने, नौकरियों व छात्रवृत्ति के आवदेन से वंचित है तो वहीं वृद्धजनों के पेंशन सत्यापन जैसे कई जरूरी काम भी अटक गए है। आलम यह है कि डाकघर खुलने से दो घंटे पूर्व ही लोगों की कतार लगना शुरू हो जाती है। इसमें अधिकांश ग्रामीण दूर दराज गांवों के होते हैं।
25 दिन बाद का दिया जाता है टोकन घंटों पूर्व कतार में लगने के बाद नया आधार कार्ड बनवाने व पुराने आधार कार्ड में संशोधन के लिए 20 से 25 दिन का और अधिक इंतजार करना पड़ता है।
आलम यह है कि सुबह सात बजे से ही कतार में खड़े लोगों को नौ बजे कार्यालय खुलने के बाद एक टोकन दिया जाता है जिस पर करीब 25 दिन बाद की तारीख नोट कर देते हुए उस दिन ही आधार कार्ड बनवाने व पुराने आधार कार्ड में संशोधन के लिए आने के लिए बोल दिया जाता है। लोगों ने बताया कि यह जिस दिन उन्हे बुलाया जाता है और किसी कारणवश वे उस दिन पहुुंच सके तो अगले दिन उनके टोकन को अमान्य कर दिया जाता है और उन्हे दोबारा 25 दिन बाद का टोकन लेना पड़ता है।
मंजूरी के लिए भेजा है प्रस्ताव
सूचना एवं प्राद्योगिकी विभाग के एनलिस्ट कम प्रोग्रामर अनित तिवारी ने बताया कि अन्य स्थानों पर आधार कार्ड मशीन लगाने के लिए आधा दर्जन से अधिक प्रस्ताव मिले हैं। उन्हें केंद्र सरकार को भेजा गया है।मंजूरी के बाद ही अन्य आधार कार्ड मशीनें लग पाएंगी।
लोगों की जुबानी उनकी परेशानी
रामफूल मीना:- रालावास गांव निवासी रामफूल मीना ने बताया कि वे आधार कार्ड में संशोधन के लिए तीन चार बार आ चुके हैं।आधार कार्ड में संशोधन नहीं होने से उन्हे सोसायटी से खाद-बीज नही मिल रहे है।
विनोद कुमार बैरवा :- बड़़ेखण गांव निवासी विनोदकुमार बैरवा ने बताया कि वह मां का आधार कार्ड में नाम संशोधन के लिए सुबह साढे नौ बजे ही डाकघर पहुंच गए थे, लेकिन यहां कार्यरत कर्मचारियों ने सुबह नौ बजे ही टोकन बांटे जाने की बात कह टोकन देने से मना कर दिया है।
भौरी देवी :- रतनपुरा गांव निवासी वृद्धा भौरीदेवी ने बताया कि सत्यापन नही होने से उन्हे 6 माह से पेंशन मिलना बंद हो गई है। सत्यापन के लिए आधार कार्ड से फोन का लिंक होना जरुरी है, आधार कार्ड से अपने फोन नंबर लिंक कराने के लिए तीन-चार बार यहां आ चुकी है, आज बड़ी मुश्किल से टोकन मिला है।
सुरेश कोली:- खटवा गांव निवासी ने बताया कि बैंक खाता बंद होने के वे आधार कार्ड संशोधन के लिए तीन-चार बार यहां चक्कर काट चुके हैं। अब उन्हें 20 फरवरी का टोकन मिला है। ऐसे में संशोधन के लिए दोबारा आना पड़ेगा।
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