The protest on the Gurjar memorial continues
अभ्यर्थियों ने कहा कि वे गांधीवादी तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बावजूद भी सरकार मांगों पर विचार नहीं कर रही। यह सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार ने अगर जल्द ही अभ्यर्थियों के पक्ष में कोई फैसला नहीं लिया तो मजबूरन अभ्यर्थियों को ठोस रणनीति बनानी पड़ेगी।
अभ्यर्थियों ने कहा कि वे गांधीवादी तरीके से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके बावजूद भी सरकार मांगों पर विचार नहीं कर रही। यह सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार ने अगर जल्द ही अभ्यर्थियों के पक्ष में कोई फैसला नहीं लिया तो मजबूरन अभ्यर्थियों को ठोस रणनीति बनानी पड़ेगी।
वही धरना स्थल पर गुरुवार को भी 5 अभ्यर्थी क्रमिक अनशन पर बैठे। गुर्जर समाज के लोगों ने उन्हें माला पहनाई। इस मौके पर गुर्जर महासभा के जिलाध्यक्ष रामचद्र खूंटला, देवसेना जिलाध्यक्ष जलसिंह कसाना, युवा गुर्जर महासभा के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष मानसिंह बुर्जा, रामप्रसाद पटेल, ब”ाूसिंह, रामसिंह गावड़ी, घासीलाल पीचूपाड़ा सहित अन्य लोग मौजूद थे।
The protest on the Gurjar memorial continues बार अध्यक्ष पद को लेकर विवाद बढ़ा
लालसोट. स्थानीय बार एसोसिएशन bar Association के अध्यक्ष पद को लेकर विवाद गहरा गया है। गुरुवार को तीन दर्जन से अधिक अधिवक्ताओं ने अध्यक्ष पद पर कोई चुनाव प्रक्रिया नहीं होने का दावा करते हुए नाथूलाल मीना को ही आगामी चुनाव होने तक बार के अध्यक्ष पद पर काबिज रखने की बात कही है।
लालसोट. स्थानीय बार एसोसिएशन bar Association के अध्यक्ष पद को लेकर विवाद गहरा गया है। गुरुवार को तीन दर्जन से अधिक अधिवक्ताओं ने अध्यक्ष पद पर कोई चुनाव प्रक्रिया नहीं होने का दावा करते हुए नाथूलाल मीना को ही आगामी चुनाव होने तक बार के अध्यक्ष पद पर काबिज रखने की बात कही है।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रेमप्रकाश चौधरी, हरिनारायण माठा, चंद्रभानसिंह, देवीसिंह, प्रकाश निर्झरना, बद्रीप्रसाद शर्मा, शंभूदयाल राणा, प्रकाश डिडवाना, सुदीप मिश्रा, अरिवंद एमडी, रवि हाडा, नरेन्द्र जांगिड़, अशोक चौधरी, सीताराम शर्मा, अनूप माठा, लेखराज शर्मा कमलेश सैनी, राकेश शर्मा, अरिहंत जैन व पंकज शर्मा समेत कई अधिवक्ताओं के हस्ताक्षरयुक्त एक बयान में अध्यक्ष पद के लिए कोई चुनाव नहीं होने की बात कहते हुए नाथूलाल मीना को ही बार का अध्यक्ष बताया है। Lalsot bar Association
रोचक बात यह है कि गुरुवार को नाथूलाल मीना के पक्ष में खड़े हुए कई अधिवक्ता बुधवार को उनके स्थान पर प्रेमस्वरुप लामड़ा को सर्वसम्मति से अध्यक्ष बनाए जाने के प्रस्ताव पर भी हस्ताक्षर कर चुके हैं, जिसको लेकर गुरुवार को न्यायालय परिसर मेंं भी चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
वहीं प्रेमस्वरुप लामड़ा ने बताया कि उनका कल ही अध्यक्ष पद पर सर्वसम्मति से निर्वाचन हो चुका है। गुरुवार को कुछ अधिवक्ताओं ने उनके चुनाव के खिलाफ हस्ताक्षर कर बयान जारी किया है, जिसका कोई औचित्य नहीं है। गौरतलब है कि बुधवार शाम बार के करीब तीन दर्जन सदस्यों ने साधारण सभा का आयोजन करने का दावा करते हुए अध्यक्ष पद पर सर्वसम्मति से प्रेमस्वरुप लामड़ा को चुने जाने की घोषणा कर दी, जबकि बार के अध्यक्ष नाथूलाल मीना ने इस चुनाव को नकार दिया था।(नि.प्र.)