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दौसा

आखिर कब घूमेंगे निजी बसों के पहिए!

ढाई माह से बंद है निजी बसों का संचालन

दौसाJun 08, 2020 / 08:04 am

Rajendra Jain

आखिर कब घूमेंगे निजी बसों के पहिए!

लालसोट में निजी बसों का संचालन नहीं होने से  घाटा बालाजी के पास ढाई माह से खड़ी निजी बसें।

लालसोट. कोरोना संक्रमण के चलते पूरे देश में लागू हुए लॉकडाउन के साथ ही थमा निजी बसों का संचालन ढाई माह बाद भी शुरू नहीं हुआ है। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद जारी अनलॉक 1 में भले ही प्रदेश भर में अब धीरे धीरे रोडवेज बसों का संचालन शुरू होने लगा है और निजी बस ऑपरेटरों की मांग के अनुसार राज्य सरकार ने अप्रेल व मई माह का टैक्स को लेकर भी छूट प्रदान कर दी है, लेकिन निजी बसों का अब भी जाम है। निजी बसों का संचालन शुरू नहीं होने से इस व्यवसाय से जुड़े बस संचालकों को अब तक लाखों रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है और आगे भी उन्हें नियम कायदों के पालन से आमदनी होने की दूर तक कोई उम्मीदें नहीं है।
उधर परिवहन विभाग का कहना है कि प्रदेश में निजी बसों के संचालन की अनुमति है, लेकिन बसों का संचालन निजी बस ऑपरेटरों पर ही निर्भर है। गौरतलब है कि प्रदेश में 21 मार्च को लॉकडाउन लागू होते ही क्षेत्र में सभी निजी बसों का संचालन भी ठप हो गया था। इसकेेे बाद से अब तक निजी बसों का संचालन शुरू नहीं हुआ है। हालांकि अब राज्य सरकार ने एक-दो रूट पर रोडवेज बसों का संचालन करना शुरू कर दिया है, लेकिन ग्रामीण इलाकों की लाइफ लाइन माने जाने वाली इन निजी बसों का संचालन शुरू होने का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।
आना-जाना हुआ दूभर
प्रदेश में लॉकडाउन हटने के बाद व्यापारिक व अन्य सरकारी कामकाज गति पकडऩे लगा है। ऐसे में अब लोगों को सार्वजनिक परिवहन की भी जरूरत महसूस होने लगी है। क्षेत्र में अधिकांश रुट पर निजी बसें ही लोगों के आवागमन का मुख्य साधन है, ऐसे में निजी बसों का संचालन नहीं होने से लोगों का आना-जाना दूभर हो रहा है। निजी बसों का संचालन नहीं होने से सैकड़ों कर्मचारी भी खासे परेशान हैं। ये कर्मचारी प्रतिदिन जिला मुख्यालय से लालसोट व उपखण्ड मुख्यालय से ग्रामीण इलाकों तक डेली अप-डाउन करते हैं। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद ये सभी कर्मचारी बाइक या अन्य निजी वाहनों के जरिए ही आने जाने को मजबूर है।
चालक, परिचालक व एजेंट हुए बेरोजगार
निजी बसों का संचालन बंद होने से क्षेत्र में सैकड़ों लोग बेरोजगार हो गए हंै। बसों पर कार्यरत चालक, परिचालक के साथ विभिन्न जगहों पर मौजूद इनके टिकट एजेंट भी ढाई माह से अपने काम धंधे से दूर है। कई चालक व परिचालकों ने बताया कि वे बसों पर नौकरी करते हुए अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं, लेकिन बसे बंद होने से वे भी पूरी ठाले हो गए हैं।
नियमों का पालना करना अनिवार्य: परिवहन विभाग के डीटीओ एस.के. भारद्वाज ने बताया कि कुछ जगह निजी बसों का संचालन शुरू भी हो चुका है, सरकार की ओर से कोई रुकावट नहीं है, अप्रेल मई के टैक्स से सरकार ने छूट प्रदान कर दी है। यात्री भार को लेकर इनकी कुछ परेशानियां है। बस ऑपरेटर्स को भी रोडवेज बसों की तरह नियमों का पालना करना अनिवार्य होगा।
क्या कहना है निजी बस ऑपरेटर्स यूनियन का:-
लालसोट- जयपुर निजी बस ऑपरेटर्स यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारी किशनपुरी ने बताया कि सरकार ने अभी तक उनकी सभी मांग नहीं मानी है, एडवाईजरी के तहत सीटों के अनुरूप सवारियां बिठाने से उन्हें बड़ा नुकसान होगा। बसोंं का किराया बढ़ाने व बसों के टैक्स मेंं कमी करने की मांगें नहीं माने जाने तक निजी बसों का संचालन होना संभव नहीं है।
फैक्ट फाइल- लालसोट से संचालित निजी बसें
1. लालसोट से जयपुर वाया कोथून – 25 बसें
2. लालसोट से जयपुर वाया तूंगा बस्सी-70 बसें
3. लालसोट से सवाई माधोपुर – 25 बसें
4. लालसोट से दौसा- 25 बसें
5.लालसोट से बौंली- 10 बसें
6. लालसोट से अमावरा- 10 बसें

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