यहीं कारण है कि डिजिटल इंडिया के तहत रेलवे की ओर से शुरू किया गया यूटीएस एप अब रेलयात्रियों के लिए बेहद आसान और सुविधाजनक बनता जा रहा हैं। यात्री इस एप के जरिए रेलवे स्टेशन से बीस किलोमीटर के दायरे में सामान्य टिकट आनलाइन बनवा रहे हैं। बड़ी बात यह है कि इस एप में वॉलेट का भी आप्शन है जिसमें पैसे डालकर अपनी सुविधानुसार मन चाहे समय पर टिकट बनवाया जा सकता हैं। साथ ही डेबिट और क्रेडिट कार्ड से एप में सीधा पेमेंट करके भी ऑनलाइन टिकट लिया जा सकता हैं।
यूटीएस एप के जरिए बन रही सैकड़ों मासिक सीजन टिकट (एमएसटी): यूटीएस मोबाइल एप जहां एक ओर यात्रियों के लिए सामान्य ऑनलाइन टिकट खरीदने के लिए मददगार साबित हो रहा हैं। इसी के साथ डेली अपडाउन यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए भी वरदान साबित हो रहा हैं। डेली अपडाउन करने वाले यात्री इस यूटीएस मोबाइल एप के जरिए एमएसटी बना पा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो दौसा. बांदीकुई जंक्शन से यात्रा करने वाले पैसेंजर एमएसटी बनाने के लिए इस एप का सहारा ले रहे हैं। बडी बात यह है कि करंट डेट व अगले दिन से एमएसटी बनवाने लिए इस मोबाइल एप में अलग अलग विकल्प मौजूद हैं। रेलवे का यह एप के जरिए टिकट बहुत ही सुरक्षात्मक माना जाता हैं। इस एप के जरिए बनवाए गए टिकट का स्क्रीन शॉट नहीं लिया जा सकता इसमें फर्जीवाड़े की संभावना नगण्य रहती है।
बांदीकुई जंक्शन पर है दो सामान्य टिकट काउंटर चार ऑटोमेटिक टिकट वेंङ्क्षडग मशीन
बांदीकुई जंक्शन पर दो अनारक्षित टिकट खिडक़ी हैं। जिनमें से एक प्रथम प्रवेश द्वार पर और दूसरी द्वितीय प्रवेश द्वार पर हैं। साथ ही चार ऑटोमेटिक टिकट वेंङ्क्षडग मशीन हैं।
जिनमें यात्री स्वयं अपना यात्रा टिकट ले सकता हैं। इस ऑटोमेटिक मशीन में क्यूआर कोड के जरिए यूपीआई से ऑनलाइन टिकट लिया जा सकता हैं। हालांकि यात्रीयों में इस ऑटोमेटिक मशीन से टिकट लेने को लेकर रूझान कम देखने को मिलता हैं। उसके दो कारण माने जाते हैं। एक तो यात्रियों को इस ऑटोमेटिक मशीन से टिकट लेने की प्रक्रिया की जानकारी लेने का अभाव है। साथ ही इन ऑटोमेटिक मशीन से रेलवे के सेवानिवृत्त कर्मचारी भी टिकट देते दिखाई देते हैं। रेलवे सूत्रों की माने तो बांदीकुई जंक्शन से करीब 17 हजार यात्री रोजाना आवाजाही करते हैं। और यात्री यों के द्वारा टिकट काउंटर से पांच हजार से अधिक अनारक्षित टिकट लिए जाते हैं।