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दौसा

महिला मुख्यमंत्री के राज में भी नहीं थमा अबला पर अत्याचार

दौसा जिले में तीन वर्ष में महिला उत्पीडऩ के नौ सौ मामले दर्ज, पुलिस जांच में 316 मामलों में दे दी एफआर

दौसाOct 10, 2017 / 08:01 am

gaurav khandelwal

दौसा. प्रदेश की मुख्यमंत्री महिला है, बड़ी संख्या में महिला जनप्रतिनिधि भी हैं और महिला अधिकारियों की भी कमी नहीं है, लेकिन महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों में कमी नहीं आ रही है। पिछले तीन वर्ष में महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के पुलिस के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो जिले के विभिन्न पुलिस थानों में जनवरी 2015 से जुलाई 2017 तक दहेज के लिए हत्या करना, महिलाओं को आत्महत्या के लिए प्रेरित करना, दहेज के लिए परेशान करना, दुष्कर्म, नाबालिग एवं बालिग के अपहरण सरीखे 903 मामले दर्ज हो चुके हैं। यह बाद की बात है कि पुलिस जांच में इनमें से कितने मामले सच्चे निकले और कितने झूठे, लेकिन जिले के विभिन्न पुलिस थानों में किसी ना किसी अत्याचार को लेकर तीन वर्ष में इतनी बड़ी तादात में मामले दर्ज हो चुके हैं।

पन्द्रह महिलाओं की दहेज के लिए हत्या


जिले के विभिन्न पुलिस थानों में पिछले तीन वर्ष में दहेज लोभियों ने 15 महिलाओं को दहेज के लिए मौत के घाट उतार दिया। इनमें से वर्ष 2015 में 5, वर्ष 2016 में 4 व चालू वर्ष में जुलाई तक 6 महिलाओं की उनकी ससुराल वालों ने दहेज के लिए हत्या कर दी। हालांकि पुलिस ने इनमें में से 6 मामलों में ही चालान पेश किया। खास बात यह है कि इनमें से भी 4 मामलों को झूठा मानकर पुलिस ने एफआर भी पेश कर दी।
इसी प्रकार आधा दर्जन महिलाओं को उनके ही परिजनों ने आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया। इसमें वर्ष 2015 में 2, वर्ष 2016 में 1 व वर्ष 2017 में जुलाई तक 3 महिलाओं को दहेज लोभियों ने ताने देकर आत्महत्या के लिए प्रेरित कर दिया।

दहेज प्रताडऩा के सर्वाधिक मामले


दहेज देना एवं दहेज लेना भले ही कानूनी अपराध है, लेकिन शादी के बाद दहेज के लिए परेशान करने के जिले में तीन वर्ष में 415 मामले पुलिस थाने पहुंचे। इनमें से वर्ष 2015 में 131, वर्ष 2016 में 143 व चालू वर्ष में सात महीने में ही 141 मामले दहेज के लिए परेशान करने के दर्ज हो चुके हैं।
हालांकि पुलिस ने इन मामलों में से वर्ष 2015 में 40 ही मामलों में चालान पेश किए और 36 मामलों को झूठा मानकर एफआर दे दी। इसी प्रकार वर्ष 2016 में 41 मामलों में चालान पेश कर दिया और 47 मामलों में एफआर दे दी। इसी प्रकार वर्ष 2017 में 141 मामले दर्ज हो चुके हंै इनमें से 48 में चालान पेश हो गए और 47 में पुलिस ने एफआर दे दी।
दुष्कर्म में भी नहीं रही कमी


जिले में पिछले तीन वर्ष में 116 दुष्कर्म के मामले दर्ज हो गए। इनमें से 42 मामलों को झूठा मानकर उनमें एफआर दे दी। जबकि इनमें से मात्र 28 मामलों में ही पुलिस ने चालान पेश । 46 मामलों की जांच चल रही है। वर्ष 2015 की तुलना में 2016 में दुष्कर्म मामले में काफी बढ़ोतरी रही।
जबकि चालू वर्ष के जुलाई माह तक 33 मामले दुष्कर्म के दर्ज हो चुके हैं। इसी प्रकार इन तीन वर्षों में महिलाओं से छेड़छाड़ के 38 मामले भी दर्ज हुए। इनमें से पुलिस ने 16 मामलों में चालान पेश कर दिए और 13 मामलों को झूठा मान कर उनमें एफआर पेश कर दी।
सवा सौ का हो चुका अपहरण


जिले इस तीन वर्ष की समयावधि में करीब 127 नाबालिग एवं बालिग अबलाओं का अपहरण हो चुका है। इनमें से पुलिस ने 25 मामलों में चालान पेश कर दिया, जबकि 45 मामलों में अदम वकू में एफआर पेश कर दी। वहीं 55 मामलों में जांच चल रही है।इसी प्रकार महिला अत्याचार से जुड़े अन्य मामलों में भी कमी नहीं रही। इसमें भी वर्ष 2015 में 86, वर्ष 2016 में 70 व चालू वर्ष में 30 मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 67 मामलों में चालान पेश किए और 77 मामलों में एफआर दे दी।
फैक्ट फाइल
वर्ष मामले दर्ज चालान एफआर पेंडिंग
2015 317 100 119 98
2016 325 90 119 116
2017 261 83 78 100
कुल 903 273 316 314

अपराधों में कमी आई है
महिला अपराधों में पिछले वर्षों की तुलना में कमी आई है। ऐसे मामलों की पुलिस बारीकी से जांच करती है। दोषियों के खिलाफ चालान पेश कर दिए।
प्रकाशकुमार शर्मा, एएसपी दौसा
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