दो दिन तक स्कूलों की छूट्टी
दरअसल उत्तराखंड में आगामी 5 सितंबर तक भारी बारिश की आशंका के मद्देनजर विशेष चौकसी बरती जा रही है। खासकर 2 और 3 सितंबर को कुमाऊं और गढ़वाल मंडलों में मूसलाधार बारिश की आशंका व्यक्त की गई है। पर्यटन विभाग ने भी विशेष रूप से पर्यटकों और तीर्थयात्रियों से कहा है कि बेवजह प्रदेश की यात्रा 2 और 3 सितंबर को नहीं करें। उसके बाद मौसम की जानकारी लेने के बाद पर्वतीय या फिर मैदानी जनपदों की यात्रा करें। इस बीच सरकार ने कक्षा 1 से 12 वीं तक के स्कूलों को दो दिनों तक बंद करने का फैसला लिया है।
आपदा प्रबंधन दल को सर्तक रहने के निर्देश
आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र ने भी तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आगामी 2 और 3 सितंबर को अलर्ट रहने को कहा है। आपदा प्रबंधन ने नैनीताल,चंपावत,ऊधम सिंह नगर,चमोली,रुद्रप्रयाग,पौड़ी और देहरादून में तैनात विशेष रूप से आपदा राहत और बचाव कार्य में ट्रेंड प्रशिक्षित युवक और युवतियों को भी अलर्ट कर दिया है। यह निर्देश भी दिया है कि बिना बताए प्रदेश या अपने जनपदों से बाहर नहीं जाएं। ताकि जरूरत पडऩे पर प्रभावित क्षेत्रों में प्रशिक्षितों को उतारा जा सके। इसके अतिरक्ति जनपदों में तैनात आपदा प्रबंधन की टीम में शामिल कर्मचारियों और अधिकारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं।
मौसम की जानकारी लेकर करे यात्रा
सचिवालय स्थित आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र में शनिवार को आपदा राहत और बचाव को लेकर हुई समीक्षा बैठक में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को विशेष रूप से सतर्क रहने की बात कही है। विभाग के मुताबिक उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों के निचले इलाकों में 2 सितंबर और 3 सितंबर भारी बारिश की आशंका के मद्देनजर तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को जिला प्रशासन की मौसम संबंधी सूचनाआें के आधार पर ही यात्रा करने को कहा है।
सेटेलाइट से मौसम पर रखी जा रही नजर
इसके अलावा आपदा प्रबंधन ने जिलाधिकारियों से सेटेलाइट फोन और जनपदों में स्थापित अत्याधुनिक उपकरणों पर भी खास नजर रखने को कहा है। आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के अधिशासी निदेशक डा.पीयूष रौतेला के मुताबिक मैदानी क्षेत्रों में खास नजर रखी जा रही है। तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को तटीय क्षेत्रों, भूस्खलन के लिहाज से संवेदनशील धामों की यात्रा बिना अनुमति के नहीं करने की सलाह दी गयी है।