scriptउत्तराखंड में कार्यरत आइएफएएस संजीव चतुर्वेदी के दस्तावेज हरियाणा के मुख्यमंत्री के कार्यालय से गायब | IFS Sanjeev Chaturvedi's documents missing from Haryana's CM's office | Patrika News
देहरादून

उत्तराखंड में कार्यरत आइएफएएस संजीव चतुर्वेदी के दस्तावेज हरियाणा के मुख्यमंत्री के कार्यालय से गायब

वर्तमान में उत्तराखंड में कार्यरत आइएफएस संजीव चतुर्वेदी ने हरियाणा में काम करते हुए अवैध खनन और फर्जी पौधारोपण घोटाला उजागर किए थे…

देहरादूनJun 13, 2018 / 01:33 pm

Prateek

IFS Sanjeev Chaturvedi

IFS Sanjeev Chaturvedi

गणेश सिंह चौहान की रिपोर्ट…

(देहरादुन): हरियाणा में काम करते हुए अवैध खनन और फर्जी पौधारोपण घोटाला उजागर करने वाले आइएफएएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की चार्जशीट वापस लेने की सिफारिश संबंधी फाइलों के कुछ दस्तावेज मुख्यमंत्री कार्यालय से गायब हो गए। संजीव चतुर्वेदी फिलहाल उत्तराखंड के हल्द्धानी में स्थित वन प्रशिक्षण केंद्र में कार्यरत हैैं। चतुर्वेदी द्वारा आरटीआई में मांगी गई जानकारी में दस्तावेजों के गायब होने की जानकारी मिली, जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया।

चंडीगढ़ में दर्ज में दर्ज करवाई एफआइआर

वन अधिकारियों ने अपने बचाव के लिए दस्तावेजों के गायब होने की एफआइआर चंडीगढ़ में दर्ज कराई है। दस्तावेज गायब होने के मामले में वन विभाग के अधीक्षक राजेंद्र सिंह छिल्लर की ओर से एफआइआर कराई गई है।

छिल्लर की ओर से दर्ज एफआइआर में तमाम ऐसी दलीलें दी गई हैं, जिनके आधार पर वन विभाग के अधिकारियों को पाक-साफ और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को गलत ठहराने की कोशिश की जा रही है। अधीक्षक की ओर से दर्ज एफआइआर में कहा गया है कि चार्जशीट वापस लेने की सिफारिश संबंधी फाइल सीएमओ को भेजी गई थी, लेकिन जब फाइल वापस मिली तो उसमें कुछ नोटिंग और कुछ कागज गायब थे।

वन विभाग के अधीक्षक राजेंद्र छिल्लर का कहना है कि संबंधित मामले में आनलाइन शिकायत दर्ज करा दी गई है। फाइल आखिरी बार मुख्यमंत्री कार्यालय से वापस आई थी। उसमें कुछ कागज नहीं थे।

 

इस तरह से चला संजीव चतुर्वेदी और हरियाणा सरकार के बीच खेल

हिसार में जिला वन अधिकारी रहते हुए संजीव चतुर्वेदी ने कांग्रेस सरकार में अवैध खनन, फर्जी पौधारोपण, अवैध शिकार तथा हर्बल पार्क में पौधारोपण को लेकर मामले उजागर किए थे। इसके बाद चतुर्वेदी को चार्जशीट दी गई। केंद्र सरकार की कमेटी ने चतुर्वेदी की चार्जशीट वापस लेने की संस्तुति की। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद राज्यपाल ने चतुर्वेदी की चार्जशीट वापस लेने के आदेश जारी किए। नवंबर २०१२ में चतुर्वेदी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने पूरे केस की सीबीआइ जांच के आदेश दे दिए, मगर सरकार कोर्ट चली गई। मई २०१६ में एडवोकेट जनरल कार्यालय ने चतुर्वेदी का केस वापस लेने की अनुशंसा की। नवंबर २०१७ में चतुर्वेदी ने राज्यपाल से शिकायत की कि तत्कालीन सरकार उनके आदेशों को छिपाकर हाईकोर्ट गई। मार्च २०१८ में चतुर्वेदी ने पूरे केस में आरटीआइ से जानकारी मांगी तो पता चला कि फाइलों के दस्तावेज ही गायब हैैं।

वन विभाग के प्रधान सचिव एसएन राय का कहना है कि उन्हें एफआइआर के बारे में जानकारी नहीं है। इस केस के बारे में कुछ भी कार्यालय में फाइलें देखकर ही कहा जा सकता है।

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