पूर्व आईपीएस ने इस मामले में यूपीआई के कर्मचारियों की मिलीभगत की भी आशंका जताई है। पुलिस इस पूरे प्रकरण की हर एंगल से जांच में जुट गई है।
विक्रम चंद्र गोयल ने बताया कि उस दिन वह बिग बास्केट की वेबसाइट से कुछ सामान खरीद रहे थे। उन्होंने यूपीआई के माध्यम से भुगतान का प्रयास किया, लेकिन भुगतान नहीं हुआ।
उनके द्वारा किया गया कुछ देर बाद एक अन्य भुगतान एमेजोन एप पर असफल हो गया था। इस पर उन्होंने अपना यूपीआई अकाउंट चेक करना चाहा तो वह नहीं खुल सका। इससे उनका शक गहरा गया था।
पूर्व आईपीएस अफसर गोयल ने एसबीआइ की शाखा में सूचना दी। स्टेटमेंट चेक करने पर पता चला कि उनके खाते से दो ट्रांजेक्शन में करीब 64 हजार रुपये दूसरे के खाते में ट्रांसफर हुए हैं।