प्रधानमंत्री की इच्छा मुताबिक निर्माण कार्य
दरअसल केदारनाथ का पुनर्निर्माण कार्य प्रधानमंत्री की इच्छानुसार कराया जा रहा है। इसलिए इसमें लंबा समय भी लग रहा है। आदि गुरुशंकराचार्यं की समाधि और म्यूजियम जैसे कार्य दिसंबर 2018 तक पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन पूरा नहीं हो पाया है। ध्यान गुफा के प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह को कुछ सुझाव भी दिए थे। जिसमें एक भव्य अतिथि गृह का निर्माण भी शामिल है। इस पर भी सरकार कसरत कर रही है।
ठंड से आ रही प्रोजेक्ट में अड़चन
यहां यह बताना आवश्यक है कि करीब 4 साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड सरकार को केदारनाथ के पुनर्निर्माण के लिए विशेष प्लानिंग के तहत कई काम कराने का कहा है लेकिन वहां ठंड की वजह से मजदूर मात्र 6 माह ही काम कर पाते हैं। इसलिए प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में अड़चन आ रही है। केदानराथ में 12 महीने काम केवल वर्ष 2013 के दौरान ही हो पायी थी जब उस समय भयंकर त्रासदी की वजह से काफी लोग मारे गए थे और चारधाम यात्रा को भी बंद करना पड़ा था।
पीएम करते हैं समीक्षा
प्रधानमंत्री का बाबा केदारनाथ के प्रति अगाध प्रेम है। प्रधानमंत्री समय— समय पर दिल्ली में केदारनाथ की समीक्षा भी करते रहते हैं। अभी पिछले माह ही में उन्होंने केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा भी की है। माना जा रहा है कि केदारनाथ के कपाट बंद होने के बाद भी वहां पर पुनर्निर्माण एवं नए निर्माण जैसे कार्य होते रहेंगे। वर्तमान में करीब एक हजार से ज्यादा मजदूर केदारनाथ में निर्माण कार्यों को पूरा करने में लगे हैं।
तीन नई गुफाएं बनेंगी
इस संबंध में रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि ठंड के मौसम की स्थिति क्या रहती है। उस पर अध्ययन किया जाएगा। उसके बाद ही वहां मजदूर काम करेंगे। ज्यादा ठंड में काम करना वहां संभव नहीं है। बावजूद सरकार कोशिश कर रही है कि प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को समय पर पूरा कर दिया जाए। घिल्डियाल ने माना कि केदारनाथ में तीन और गुफाएं बनायी जाएंगी। इस पर काम शुरू कर दिया गया है। जिस गुफा के पास मोदी ने ध्यान लगाया था वहीं आसपास ही तीनों गुफाएं स्थपित की जाएंगी।