बन रहा यह विशेष योग
पंडित प्रतीक मिश्रा ने बताया कि सोमवार शाम पांच बजकर आठ मिनट पर प्रदोष की शुरुआत हुई। शाम से ही ‘त्रयोदशी’ मूहुर्त शुरू हुआ। यह त्रयोदशी मुहूर्त आज दोपहर तक जारी रहेगा। आज दोपहर 2.49 बजे तक त्रयोदशी रहेगी।
दक्षेश्वर रूप में ‘शिव’
भगवान शंकर इस समय कनखल के दक्ष में दक्षेश्वर बनकर विराजमान हैं। इस दौरान उन्हें दक्षेश्वर के रूप में सजाया गया है। इस मंदिर में आठ पहर आरती उतारी जाएगी। सती का जन्म समीप के जिस शीतला माता मंदिर स्थल पर हुआ था, उस स्थल पर भी शिव भक्त पूजन करेंगे। हरिद्वार के पौराणिक बिल्वकेश्वर, नीलेश्वर और गौरी शंकर मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया है।
चढ़ाएं ये सब चीजें, खुश होंगे ‘शिव’
महाशिवरात्रि पर्व के स्वागत में शिवालय भी सज गए हैं। मंदिरों की फूलों से विशेष सजावट की गई है। इसके साथ ही दून से लेकर कनखल, हरिद्वार के शिव मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार महाशिवरात्रि पर बेलपत्र, गंगाजल, भांग, धतूरा, दूध, दही, गन्ने का रस चढ़ाने से महादेव खुश होते हैं। इस बार मंगलवार को महाशिवरात्रि के दिन दोपहर तीन बजे से कांवड़ जलाभिषेक प्रारंभ होगा। बुधवार को भी दोपहर 12 बजे तक महादेव की उपासना होगी।
महिलाओं के लिए बहुत खास दिन
आचार्य राकेश कुमार शुक्ल ने बताया कि 30 जुलाई को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। मंगलवार को शिवरात्रि होने से महिलाओं के लिए अधिक खास रहेगी क्योंकि श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार के साथ मंगलवार भी अत्यधिक उपयोगी है। मंगलवार को मंगलागौर का व्रत किया जाता है। पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए माता पार्वती की पूजा की जाती है। और माता पार्वती हर मनोकामना पूरी करती है।
सोमवार को लगा भक्तों का तांता
इधर एक दिन पहले श्रावण मास के दूसरे सोमवार को हर तरफ भोले बाबा के दर्शन के लिए श्रद्घालुओं का तांता लगा रहा। दूसरा सोमवार खास मुहूर्त नक्षत्र में पड़ा। इस दौरान द्रोणनगरी से लेकर तीर्थनगरी हरिद्वार के कई पौराणिक मंदिरों में तड़के से देर शाम तक बड़ी संख्या में भक्तों ने जलाभिषेक किया।