बसपा जिलाध्यक्ष ने बताया कि पार्टी सुप्रीमो
मायावती के निर्देश पर दोनों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। पार्टी के मुख्य जोन इंचार्ज घनश्याम चंद्र खरवार, रामसूरत चौधरी, सुरेश कुमार गौतम और प्रदीप निषाद के हवाले से उन्हें इसकी जानकारी दी गई है। पूर्व सांसद गोरख प्रसाद जायसवाल और विधानसभा प्रत्याशी रहे मुरली मनोहर जायसवाल पर घोर अनुशासनहीनता के आरोप में यह कार्रवाई हुई है। निष्कासन की कार्रवाई के संबंध में पूछने पर गोरख प्रसाद जायसवाल ने जानकारी होने से ही इंकार किया। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी कार्रवाई की कोई जानकारी नही है। पार्टी का पत्र मिलने पर ही कुछ बोलेंगे।
एक समय बसपा में राम प्रसाद का था जलवा बसपा के शासनकाल में रामप्रसाद जायसवाल की तूती बोलती थी। वो 2007 में बरहज से विधायक चुने गए थे। बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार प्रदेश में बनी तो राम प्रसाद जायसवाल बाबू सिंह कुशवाहा व पार्टी सुप्रीमो मायावती के काफी करीबी लोगों में जाने जाने लगे थे । 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपने पिता गोरख प्रसाद जायसवाल को देवरिया सदर से टिकट दिलवाने और फिर चुनाव जीतने में भी सफल हो गए थे । इससे उनका कद काफी बढ़ गया था । एनआरएचएम घोटाले में लिप्तता के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा लेकिन उन्होंने कभी पार्टी सुप्रीमो के विरुद्ध कोई आवाज नही उठायी ।
जेल से जमानत पर छूटने के बाद अस्वस्थता के कारण उनका देहान्त भी हो गया। उसके बाद अस्थिर हुए इस परिवार को बल देते हुए बसपा सुप्रीमो ने बीते विधानसभा चुनाव में बरहज सीट से रामप्रसाद के पुत्र मुरली मनोहर जायसवाल को प्रत्याशी बनाकर मजबूती दी लेकिन मोदी लहर मे वो जीत नही सके । आज अचानक हुई इस कार्रवाई से मायावती के काफी करीबी इस परिवार के साथ ही इलाके के बसपाई भी सकते में हैं ।
BY- S.P.RAI