देवरिया जिले की बात करें तो जिला अस्पताल के चिल्ड्रेन वार्ड में प्रतिदिन 40 से 50 की संख्या में बाल रोगियों को उल्टी, बुखार, निमोनिया व पेट दर्द की शिकायत पर भर्ती किया जा रहा है। ठंडक का आगाज हो चुका है। देर शाम लुढ़कते पारे के चलते जहां लोग ठंड से बचने की जुगत करने लगते हैं, वहीं दिन में हो रही तेज धूप लोगों को गर्म का एहसास भी कराती है।
1- को सांस लेने में परेशानी का होना
2-घरघराहट की आवाज आनाऔर छाती में दर्द
3-नाखूनों का रंग नीला पड़ना
4-उल्टी आना
5- बदन में दर्द होना
6-थकान कैसे करें बच्चों का बचाव– बाल चिकित्सक बताते हैं कि-
1-बच्चों को परेशानी होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें
2- सर्दियों के मौसम में बच्चे को धूप में रखना चाहिए।
3-दूध में थोड़ा केसर मिलाकर बच्चे को दिन में दो बार पिलाएं
4-बच्चे को इस बीमारी से बचाने के लिए उसे वैक्सीन यानी टीका जरूर लगवाना चाहिए। यह न्यूमोनिया के खतरे को कम कर देता है।
5-वे बच्चे जो समय से पहले हो जाते हैं उन्हं न्यूमोनिया खतरा अधिक रहता है। इसलिए समय-समय पर बच्चों की डाक्टरी जांच जरूर करवानी चाहिए।