लड़ चुके हैं कर्इ चुनाव कारोबारी नियाज अहमद का राजनीतिक सफर 2010 में शुरू हुआ था। वह कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में 2010 में देवरिया-कुशीनगर स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में बसपा के प्रत्याशी रामू द्विवेदी उर्फ संजीव द्विवेदी विजयी हुए थे। 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने नियाज अहमद पर भरोसा जताया। उनको पथरदेवा से प्रत्याशी बनाया लेकिन ऐलान के बाद उनका टिकट काट दिया गया। कांग्रेस से टिकट कटने के बाद नियाज बागी होकर चुनाव मैदान में उतरे लेकिन सफल नहीं हुए। विधानसभा चुनाव के बाद नियाज ने बसपा का दामन थाम लिया। बहुजन समाज पार्टी ने 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में उनको देवरिया संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया। भाजपा के दिग्गज कलराज मिश्र के खिलाफ नियाज चुनाव लड़े। इस चुनाव में बसपा प्रत्याशी नियाज अहमद को 231114 वोट मिले। 496500 वोट पाकर कलराज मिश्र देवरिया से सांसद बने। नियाज अहमद इसके बाद लगातार बसपा में सक्रिय रहे। लोकसभा चुनाव के ऐन वक्त पहले बसपा ने नियाज अहमद का टिकट काट दिया। टिकट कटने के बाद नियाज ने कांग्रेस का दामन फिर से थाम लिया। गुरुवार को कांग्रेस ने उनको देवरिया संसदीय सीट पर प्रत्याशी बना दिया।