समाजवादी पार्टी से उपेक्षित एक नेता बताते हैं कि सपा को खड़ा करने के दौरान मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर वह अपने कार्यकर्ताओं के लिए किसी भी स्तर पर जाकर मदद करते रहे हैं। सपा कार्यकर्ताओं की जोरदार तरीके से सिफारिश करने की बात हो या उनको आर्थिक रूप से मजबूत करने में शिवपाल यादव ने कभी कोताही नहीं की। बीते समाजवादी सरकार में हुए पंचायत चुनाव में संगठन के लोगों को पदों पर आसीन कराने के लिए बताया जाता है सबसे अधिक जोर शिवपाल यादव ने लगाया था। यही नहीं पार्टी के लिए काम करने वाले तमाम पुराने समाजवादियों को मजबूती के साथ पैरवी कर एमएलसी तक बनवाया। हालांकि, सरकार जब जब सपा की रही है, इस दौरान उन पर कई तरह के आरोप भी लगे।
गोरखपुर के एक पुराने समाजवादी बताते हैं कि पिछले कुछ सालों से समाजवादी पार्टी में शिवपाल यादव ही नहीं उनके लोग भी नेपथ्य में थे। कईयों ने समाजवादी परिवार में झगड़े से खुद को अलग करते हुए दूसरे दलों में अपना ठौर खोज लिया। गोरखपुर-बस्ती मंडल में एक दर्जन से अधिक पूर्व विधायक, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, पूर्व सांसद सहित विभिन्न पदों पर विराजमान रहे दिग्गज समाजवादी अब भाजपा, बसपा और अन्य छोटे दलों में अपने अस्तित्व को बचाए हुए हैं।
अब चूंकि, सपा से अलग होकर शिवपाल यादव ने एक नए मोर्चे का गठन कर लिया है ऐसे में इन लोगों की वापसी संभावित है। माना जा रहा है कि शिवपाल यादव के करीबी माने जाने वाले ये सभी दिग्गज अब वापस आकर जनता के बीच जाएंगे।
गोरखपुर के एक पुराने समाजवादी बताते हैं कि पिछले कुछ सालों से समाजवादी पार्टी में शिवपाल यादव ही नहीं उनके लोग भी नेपथ्य में थे। कईयों ने समाजवादी परिवार में झगड़े से खुद को अलग करते हुए दूसरे दलों में अपना ठौर खोज लिया। गोरखपुर-बस्ती मंडल में एक दर्जन से अधिक पूर्व विधायक, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, पूर्व सांसद सहित विभिन्न पदों पर विराजमान रहे दिग्गज समाजवादी अब भाजपा, बसपा और अन्य छोटे दलों में अपने अस्तित्व को बचाए हुए हैं।
अब चूंकि, सपा से अलग होकर शिवपाल यादव ने एक नए मोर्चे का गठन कर लिया है ऐसे में इन लोगों की वापसी संभावित है। माना जा रहा है कि शिवपाल यादव के करीबी माने जाने वाले ये सभी दिग्गज अब वापस आकर जनता के बीच जाएंगे।