मेरी स्थिति नहीं थी कि पीजीआई ले जा सकूं। देवरिया जिला अस्प्ताल ले गया लेकिन तब तक बेटी मर गयी । बेटी का शव और बीमार बेटे को लेकर घर आया। बेटी का शव घर में रख दिया और भाइयों से उसका अंतिम संस्कार करने को कह कर आटो से बेटे अजय को लेकर लार रोड स्टेशन पहुंचा। साथ में बहन और चाचा-चाची भी थे। हम अजय को बनारस ले जाना चाहते थे। पर अजय की भी सांस वहीं टूट गई। दो घंटे में दोनों बच्चे मर चुके थे। रोते-बिलखते बेटे का शव लेकर घर आया और उसी रात दोनों बच्चों को दफना दिया। एक प्रश्न पर उसने कहा कि मेरे पास राशन कार्ड तक नहीं है। बच्चों की मौत के बाद पत्रकार आए थे। रविवार को दो अधिकारी भी आए।
बच्चों को पीलिया था: डॉ. बीबी सिंह
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, लार के प्रभारी डॉ. बीबी सिंह ने बताया कि अजय और खुश्बू को उसके पिता लाए थे, जांच में पीलिया पाया गया था। पशुपति को देवरिया जिला अस्पताल जाने की सलाह दी गई थी लेकिन वह शायद नही गया और फिर बच्चों के मरने की बात सुनाई दी। मैंने किसी भी अखबार और मीडिया से नहीं कहा कि कुपोषण के वजह से दोंनो बच्चों की मौत हुई। बच्चों की मौत का कारण कुपोषण नहीं, पीलिया था।
by SURYA PRAKASH RAI
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, लार के प्रभारी डॉ. बीबी सिंह ने बताया कि अजय और खुश्बू को उसके पिता लाए थे, जांच में पीलिया पाया गया था। पशुपति को देवरिया जिला अस्पताल जाने की सलाह दी गई थी लेकिन वह शायद नही गया और फिर बच्चों के मरने की बात सुनाई दी। मैंने किसी भी अखबार और मीडिया से नहीं कहा कि कुपोषण के वजह से दोंनो बच्चों की मौत हुई। बच्चों की मौत का कारण कुपोषण नहीं, पीलिया था।
by SURYA PRAKASH RAI