बेहोशी का इंजेक्शन लगाने वाले डॉक्टर की कार का कांच फोडक़र चुराए 23 हजार रुपए
एबी रोड पर संस्कार अस्पताल के सामने वनमंडल कार्यालय के समीप की घटना, टेबलेट-चेकबुक भी चोरी
देवास. सार्वजनिक स्थानों पर वाहन पार्क करना और अंदर सामान या नकदी रखना जोखिमभरा होता जा रहा है। कुछ माह पहले एक कार व एक एक्टिवा से एबी रोड से लगे क्षेत्र ताराणी कॉलोनी व संस्कार अस्पताल के सामने से ३.३३ लाख रुपए की चोरी हुईथी और मंगलवार को दिनदहाड़े फिर इसी क्षेत्र के पास चोरी की वारदात हो गई। संस्कार अस्पताल के सामने वनमंडल कार्यालय के पास खड़ी एक कार का कांच फोडक़र बदमाश अंदर से २३ हजार रुपए, टेबलेट, दो चेक से भरा बैग चुरा ले गए। मामले में कोतवाली पुलिस ने जांच शुरू की है।
सीएसपी अनिलसिंह राठौर ने बताया बेहोशी का इंजेक्शन लगाने वाले डॉ. आरएल वर्मा निवासी रामनगर की कार से चोरी हुई है। मंगलवार को सुबह करीब ११ बजे डॉक्टर अपनी कार खड़ी करके संस्कार अस्पताल गए थे। करीब एक घंटे बाद जब वो वापस लौटे तो कार का ड्राइवर साइड का पीछे की ओर का कांच फूटा हुआ मिला और अंदर से २३ हजार रुपए नकद, चेकबुक, टेबलेट चोरी हो गए थे। सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई थी, जांच की जा रही है, अज्ञात आरोपी के खिलाफ चोरी का केस कोतवाली थाने में दर्ज किया जा रहा है। रुपए, टेबलेट, चेकबुक आदि सामान काले रंग के एक बैग में रखा था, चोर बैग निकालकर रफूचक्कर हो गए।
सीसीटीवी फुटेज खंगाले, कार का अगला हिस्सा ही दिखा
वारदात के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। आसपास के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी खंगाले गए। हालांकि जिस जगह वारदात हुई वह किसी कैमरे की जद में स्पष्ट रूप से नजर नहीं आई है। फुटेज में कार का सिर्फ अगला हिस्सा ही नजर आ रहा है। ऐसे में फुटेज से भी कोई सुराग नहीं मिल पाया।
लेट हुए मरीजों के ऑपरेशन, डॉक्टरों को करना पड़ा इंतजार
डॉ. वर्मा की कार में चोरी की वारदात होने के कारण वो पूर्व से निर्धारित समय पर विभिन्न निजी अस्पतालों में ऑपरेशन वाले मरीजों को बेहोशी का इंजेक्शन लगाने नहीं पहुंच सके। ऐसे में मरीज, परिजन व ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों को इंतजार करना पड़ा। कई डॉक्टर ऑपरेशन के लिए इंदौर से आए थे।
मटेरियल वाले को करना था पेमेंट
डॉ. वर्मा ने बताया कुछ दिनों पहले उन्होंने सीवरेज का काम करवाया था। इसमें उपयोग किए गए मटेरियल का पेमेंट करना था, इसलिए रुपए बैग में रख लिए थे। यातायात के अधिक दबाव के बीच कार घुमाकर व मोडक़र अस्पताल की ओर ले जाने से बचने के लिए वनमंडल कार्यालय के समीप पार्क कर दी थी और पैदल सडक़ क्रॉस कर अस्पताल गया था।
ड्राइवर के व्यस्त होने के कारण खुद ही कार लाए थे
डॉक्टर वर्माकार से आने-जाने के दौरान चालक को साथ रखते थे लेकिन मंगलवार को उनके परिवार के सदस्य को लेकर ड्राइवर लेकर चला गया था इसलिए खुद डॉक्टर ने कार चलाई। कार में चालक होता तो संभवत: वारदात नहीं होती।
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