दरअसल आचार संहिता लगने के बाद सरकारी विभागों में लगी लोकार्पण, शिलान्यास की नाम पट्टिकाओं को ढंका जाता है। पिछले विधानसभा चुनाव में भी ऐसा किया गया था और इस बार भी यह किया जा रहा है। देवास नगर निगम भवन में अफसरों को ये नाम पट्टिकाएं नहीं दिख रही और नए भवन के दोनों तरफ नाम पट्टिकाएं खुली हैं जिन पर राजनीतिक दलों के नेताओं के नाम लिखे हैं। मुख्य द्वार पर ही ये पट्टिकाएं लगी हैं लेकिन किसी भी अधिकारी की नजर इन पर नहीं पडी और जिनकी नजर पड़ी उन्होंने मुंह चुरा लिया।
इसी तरह पास में स्थित एसपी ऑफिस के नए भवन में हाल ही में लगाई गई नाम पट्टिका को पेपर से ढंक दिया गया। इस तरह से ढंका गया है कि उस पर लिखे जनप्रतिनिधियों के नाम नहीं दिख रहे हैं। इसके चलते चर्चा हो रही है कि आचार संहिता की आड़ में आमजनों को नियम बताने वाले, सख्ती बरतने वाले चुनाव आयोग और प्रशासनिक अफसरों को खुद की भूल नजर क्यों नहीं आती।