कागजी योजना में उलझे निगम अफसर, समस्याओं से जूझ रहे शहरवासी
– सडक़ों-कॉलोनियों में पसरी गंदगी, कचरा गाड़ी को लेकर भी शिकायत- निगम अफसर बोले-प्रतिदिन कॉलोनियों में जा रही हैं गाडिय़ां
देवास. शहर में स्वच्छता को लेकर किए जा रहे दावों की पोल खुल रही है। गली-मोहल्लों के साथ सडक़ों पर पसरी गंदगी शहर की सूरत बिगाड़ रही है तो खाली प्लॉटों में जमा बारिश का पानी बीमारियों की आशंका बढ़ा रहा है। डोर टू डोर जाने वाली कचरा गाडिय़ों भी नियमित रूप से नहीं जा पा रही। इन सब समस्याओं से बेखबर निगम प्रशासन कागजी योजनाओं में उलझा है।
दरअसल घरों से कचरा संग्रहण करने के लिए निगम प्रशासन ने डोर टू डोर कचरा गाडिय़ां शुरू की थी। शुरुआत में प्रेरणा संस्था इन गाडिय़ों का संचालन करती थी। शुरुआत में स्थिति ठीक थी और गाडिय़ां नियमित रूप से घरों तक जाती। बाद में हालात बिगड़ते गए और अब ऐसी स्थिति है कि कई क्षेत्रों में नियमित रूप से गाडिय़ां नहीं पहुंचने की बात सामने आ रही है। कचरा गाड़ी के संचालन को लेकर निगम प्रशासन का लापरवाहपूर्ण रवैया दिख रहा है जिससे शहरवासी भी परेशान है। मजबूरन लोगों को सडक़ पर या खाली प्लॉटों में कचरा फेंकना पड़ रहा है।
शहर में चल रही ४७ गाडिय़ां
निगम के वाहन शाखा के अफसरों का दावा है कि कचरा गाडिय़ां नियमित रूप से प्रतिदिन जा रही हैं। एक दिन छोडक़र जाने जैसी कोई बात नहीं है। निगम वाहन शाखा के रविकांत मिश्रा ने बताया कि शहर के ४५ वार्डों में कुल ४७ गाडिय़ां चल रही हैं। दो वार्डों में दो गाडिय़ां एक्स्ट्रा जा रही है। दस-बारह डंपियां भी चल रही है जो जोन में जाकर खड़ी हो जाती है। कचरा गाडिय़ों में ड्रायवर ठेकेदार के हैं लेकिन संचालन निगम कर रहा है। करीब चार-पांच गाडिय़ों में निगम के ड्रायवर हैं।
कांग्रेस नेताओं के दबाव के लग रहे आरोप
निगम प्रशासन भले ही दावे कर रहा हो लेकिन हकीकत उलट है। पहले बारिश का बहाना बनाकर जि?मेदारी से बचने वाला निगम प्रशासन अब सुदृढ़ व्यवस्था की बात कर रहा है लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा। अफसरों पर कांग्रेस नेताओं के दबाव में काम करने के आरोप लग रहे हैं। मंत्री समर्थक कांग्रेसियों का निगम में दखल भी बढ़ा है और इसके चलते खींचतान बढ़ती जा रही है। गत दिनों टेंडर को लेकर भी दो कांग्रेस नेताओं में नोंकझोंक हो गई थी। इसके बाद चर्चाएं हुई थी कि निगम में किस तरह कांग्रेस नेताओं का दखल है और अफसर भी इन नेताओं के आगे झुके हुए नजर आ रहे हैं जिसके चलते शहर की बिगड़ती हालत पर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
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