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पिछले साल मिले थे डेंगू के 352 मरीज: इस साल लार्वा सर्वे मॉनीटरिंग के लिए मलेरिया विभाग ने भोपाल से मांगा अतिरिक्त स्टॉफ

-फिलहाल शहरी क्षेत्र में मलेरिया विभाग के सिर्फ ३ अधिकारी-कर्मचारी हैं, अंचल के हर ब्लॉक में एक-एक निरीक्षक के भरोसे चल रहा काम

देवासJun 28, 2022 / 01:58 pm

Satyendra Singh Rathore

पिछले साल मिले थे डेंगू के 352 मरीज: इस साल लार्वा सर्वे मॉनीटरिंग के लिए मलेरिया विभाग ने भोपाल से मांगा अतिरिक्त स्टॉफ

पिछले साल मिले थे डेंगू के 352 मरीज: इस साल लार्वा सर्वे मॉनीटरिंग के लिए मलेरिया विभाग ने भोपाल से मांगा अतिरिक्त स्टॉफ

देवास. जिले के इतिहास में पहली बार वर्ष २०२१ के बारिश सीजन में डेंगू के 352 मरीज मिलने के बाद हड़कंप की स्थिति बन गई थी। गिने-चुने स्टॉफ के भरोसे काम करने वाले मलेरिया विभाग की इस बारिश में फिर से चिंता बढ़ गई है। मैदानी अमले को प्रभावी रूप से लगाने के लिए मलेरिया विभाग द्वारा जिला स्वास्थ्य विभाग सहित भोपाल कार्यालय से अतिरिक्त स्टॉफ की मांग की गई है। वर्तमान में मलेरिया विभाग के जिला मुख्यालय क्षेत्र में एक अधिकारी व दो कर्मचारी ही हैं। वहीं अंचल में हर विकासखंड में सिर्फ एक-एक मलेरिया निरीक्षक के भरोसे काम चल रहा है।
जिले में वर्ष 2021 से पहले तक हर साल बारिश सीजन में 45-70 डेंगू मरीज मिलते थे जो जिले की जनसंख्या के मान से बहुत कम रहते थे लेकिन पिछले साल के बारिश सीजन में डेंगू के मरीजों के मिलने का जो सिलसिला जुलाई के अंतिम दिनों से शुरू हुआ था वो लगातार बढ़ता गया। जुलाई से लेकर अक्टूबर के बीच करीब 352 मरीजों के सेम्पल की जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। यह आंकड़ा इतना अधिक था कि पिछले सभी सालों के आंकड़े जोड़ दिए जाएं तो भी इतने मरीज नहीं होंगे। हालांकि सरकारी आंकड़ों में 2021 में किसी भी मरीज की जान डेंगू के कारण नहीं गई लेकिन मिलते-जुलते लक्षणों के चार से पांच मरीजों ने अलग-अलग अस्पतालों में दम तोड़ दिया था। डेंगू के लार्वा सर्वे व अन्य कार्यो को देखने के लिए मलेरिया विभाग के पास जिम्मेदारी रहती है जो नगर निगम, आशा कार्यकर्ताओं की टीम की मदद से काम करती है। आवश्यकता के हिसाब से विभाग के पास खुद का जो स्टॉफ है वो बहुत कम है जिससे कामकाज प्रभावित हो रहा है। इस साल लार्वा सर्वे, मॉनिटरिंग, जागरुकता अभियान, सेम्पलिंग आदि व्यवस्थित कामकाज के लिए मलेरिया विभाग की ओर से सीएमएचओ कार्यालय व राज्य कार्यक्रम अधिकारी मलेरिया विभाग भोपाल से अतिरिक्त स्टॉफ उपलब्ध करवाने के लिए पत्र लिखा गया है। जिला स्तर से एमपीडब्ल्यू लेवल के पांच कर्मचारियों की आवश्यकता बताई गई है जो बारिश के कुछ माह में मलेरिया विभाग के लिए काम करेंगे। एक एमपीडब्ल्यू पूर्व में मलेरिया विभाग को मिल चुके हैं।
वर्जन
जिला मुख्यालय पर एक निगरानी निरीक्षक व एक एमपीडब्ल्यू हैं। अंचल में हर विकासखंड में एक-एक मलेरिया निरीक्षक हैं। लार्वा सर्वे आदि में नगर निगम की टीम, आशा कार्यकर्ताओं की टीम का सहयोग लिया जाता है। अतिरिक्त स्टॉफ के लिए सीएमएचओ व भोपाल पत्र भेजा गया है। बारिश के सीजन को देखते हुए मलेरिया, डेंगू के प्रति जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है।
-डॉ. रश्मि दुबे, जिला मलेरिया अधिकारी देवास।

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