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देवास में स्वाइन फ्लू: 67 साल के बुजुर्ग की मौत, कुछ दिन इंदौर में चला था उपचार

कन्नौद निवासी बुजुर्ग थे, सर्दी-खांसी व सांस मे दिक्कत के बाद कराया गया था भर्ती, देवास में जांच की सुविधा नहीं

देवासAug 19, 2022 / 05:03 pm

Satyendra Singh Rathore

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देवास में स्वाइन फ्लू: 67 साल के बुजुर्ग की मौत, कुछ दिन इंदौर में चला था उपचार,देवास में स्वाइन फ्लू: 67 साल के बुजुर्ग की मौत, कुछ दिन इंदौर में चला था उपचार

देवास. मौसमी बीमारियों के प्रकोप के बीच देवास जिले में स्वाइन फ्लू ने भी दस्तक दे दी है। जिले में स्वाइन फ्लू से पीडि़त 67 साल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई है। इसकी पुष्टि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी ने की है। जानकारी के अनुसार जिले के कन्नौद निवासी बुजुर्ग को पिछले दिनों सर्दी-खांसी, सांस लेने में दिक्कत महसूस होने के बाद निजी अस्पताल लाया गया था। यहां हालत और बिगडऩे के बाद परिजन उन्हें इंदौर के एक निजी अस्पताल ले गए थे जहां स्वाइन फ्लू की जांच के लिए सेम्पल लिए गए थे, बाद में जांच पॉजिटिव आई थी। ऑक्सीजन सेचुरेशन अच्छा होने की वजह से परिजन मरीज को लेकर कन्नौद लौट गए थे जहां बाद में मरीज की मौत हो गई।
वायरल फीवर से मिलते-जुलते लक्षण, रहें सावधान
कागजों मेंं कोरोना संक्रमण से मुक्त चल रहे देवास जिले में वायरल फीवर, उल्टी-दस्त के बढ़ते मरीजों की संख्या के बीच स्वाइन फ्लू का भी असर शुरू हो गया है। शहर से लेकर अंचल तक वायरल फीवर के हजारों मरीजों के बीच कई को स्वाइन फ्लू की चपेट में आने का भी खतरा बना हुआ है। वायरल फीवर व स्वाइन फ्लू में अधिक अंतर नहीं होने से चिंता और बढ़ रही है, ऐसे में सतर्क रहकर ही बचाव किया जा सकता है। बुखार, सर्दी-खांसी के दौरान यदि गले संबंधी समस्या अधिक बढ़े, सांस लेने में दिक्कत हो तो स्वाइन फ्लू से जुड़े एहतियाती कदम उठाए जाना आवश्यक हो जाता है। गौरतलब है कि कुछ साल पहले भी देवास में स्वाइन फ्लू के कई मरीज सामने आए थे और उनमें से कई को लंबे उपचार के बाद भी बचाया नहीं जा सका था।
वर्जन
स्वाइन फ्लू से पीडि़त बुजुर्ग की मौत घर पर हुई है। उनके परिवार के अन्य सदस्यों व संपर्क में आने वाले और कई लोगों के सेम्पल लिए गए हैं। इनमें किसी प्रकार के लक्षण नहीं मिले हैं।
-डॉ. एमपी शर्मा, सीएमएचओ देवास।
निजी से लेेकर सरकारी अस्पतालों तक में बुखार के मरीजों की कतार
वर्तमान में जिला अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों तक में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है, सबसे अधिक मरीज बुखार व सर्दी खांसी से पीडि़त ही मिल रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार इन जगहों पर जाने में सावधानी रखना व मास्क का उपयोग करना संक्रमण से बचाव में सहायक होगा। स्वाइन फ्लू की पहचान करने के लिए देवास जिले में जांच की सुविधा भी नहीं है, यहां संदिग्ध मरीज के सेम्पल लेकर जांच के लिए इंदौर भिजवाने की स्थिति है। स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीज को अलग से उपचार दिया जाता है। इसमें कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग भी महत्वपूर्ण रहती है। सीएमएचओ ने बताया दो-तीन दिन पहले कन्नौद के जिस मरीज की मौत हुई है उसके यहां व उसके संपर्क में आने वाले सभी सदस्यों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है, किसी को कोई लक्षण सामने नहीं आए हैं। जिले के सभी बीएमओ को निर्देशित किया गया है कि स्वाइन फ्लू को लेकर तत्काल कदम उठाएं व संदिग्ध मरीजों का पता लगाकर उनकी जांच उपचार संबंधी इंतजाम किए जाएं।

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