वर्तमान में जिला अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों तक में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है, सबसे अधिक मरीज बुखार व सर्दी खांसी से पीडि़त ही मिल रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार इन जगहों पर जाने में सावधानी रखना व मास्क का उपयोग करना संक्रमण से बचाव में सहायक होगा। स्वाइन फ्लू की पहचान करने के लिए देवास जिले में जांच की सुविधा भी नहीं है, यहां संदिग्ध मरीज के सेम्पल लेकर जांच के लिए इंदौर भिजवाने की स्थिति है। स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीज को अलग से उपचार दिया जाता है। इसमें कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग भी महत्वपूर्ण रहती है। सीएमएचओ ने बताया दो-तीन दिन पहले कन्नौद के जिस मरीज की मौत हुई है उसके यहां व उसके संपर्क में आने वाले सभी सदस्यों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है, किसी को कोई लक्षण सामने नहीं आए हैं। जिले के सभी बीएमओ को निर्देशित किया गया है कि स्वाइन फ्लू को लेकर तत्काल कदम उठाएं व संदिग्ध मरीजों का पता लगाकर उनकी जांच उपचार संबंधी इंतजाम किए जाएं।