पीपलरावां ऐसा थाना जहां दो चौकियां, वाहन एक में भी नहीं जिले में पीपलरावां एकमात्र ऐसा थाना है जहां दो पुलिस चौकियां हैं। ये हैं चौबाराधीरा व बालोन। वर्तमान में इन दोनों ही चौकियों में चारपहिया वाहन नहीं है जिसके कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बालोन चौकी का क्षेत्र शाजापुर जिले से भी लगा है जहां पर आपराधिक तत्वों की सक्रियता निरंतर बनी रहती है। दोनों ही चौकियों में स्टॉफ की भी कमी है। बालोन चौकी में पिछले दिनों वाहन सुविधा नहीं होने के कारण एक आरोपी ने चौकी में होमगार्ड सैनिक को थप्पड़ मार दिया था। चौबाराधीरा चौकी के अंतर्गत 21 गांव आते हैं, यहां सरकारी बाइक से गश्त आदि काम पुलिस निपटा रही है।
डबलचौकी में वाहन डेढ़ दशक से ज्यादा पुराना बरोठा थाना क्षेत्र के अंतर्गत डबलचौकी में पुलिस चौकी है। यहां से इंदौर-बैतूल हाइवे निकला होने से कुछ न कुछ घटनाक्रम होता ही रहता है। वर्तमान में पुलिस चौकी में चारपहिया वाहन १५ साल से भी अधिक पुराना है, इसमें भी समस्या आती रहती है। क्षेत्र में वीआईपी का मूवमेंट भी बना रहता है, खासकर कृषि मंत्री कमल पटेल, तुलसीराम सिलावट का आना-जाना लगा रहता है, इनके काफिले में फॉलो वाहन लगाना पड़ता है। डायल-100 वाहन व 108 एंबुलेंस वाहन भी पूरे बरोठा क्षेत्र के 90 से अधिक गांवों के लिए एक-एक ही हैं। इसके अलावा दमकल वाहन नहीं होने से आगजनी की घटनाओं में करनावद, देवास से वाहन आते-आते ही सामान, मकान, फसल खाक हो जाते हैं।
वर्जन जिले में चल रहे वाहनों की अवधि आदि सहित अन्य रिकॉर्ड रखा जाता है। जरूरत वाले स्थानों के लिए चारपहिया वाहन को लेकर वरिष्ठ स्तर से मांग की गई है। –संपत उपाध्याय, पुलिस अधीक्षक देवास।
कमलापुर चौकी, करनावद सहायता केंद्र के वाहन भी पुराने बागली थाना क्षेत्र की कमलापुर चौकी में 35 से अधिक गांव आते हैं। यहां पर चार पहिया वाहन तो उपलब्ध है लेकिन काफी पुराना हो चुका है, हालांकि काम चल रहा है। वहीं हाटपीपल्या थाना क्षेत्र के करनावद पुलिस सहायता केंंद्र में भी चार पहिया वाहन उपलब्ध है लेकिन ये भी काफी पुराना हो चुका है। इसके अलावा कांटाफोड़ थाना क्षेत्र के बिजवाड़ पुलिस सहायता केंद्र पर चार पहिया वाहन उपलब्ध नहीं है।