पंकज ने बताया कि उनके पिता रमेशचंद्र बुटानी की आयुर्वेद दवाओं की दुकान है। माता निर्मला बुटानी आयुष विभाग में कंपाउंडर है। पत्नी रितु इलाहाबाद बैंक में क्लर्क है। छह साल का एक बेटा है। मां ने बहुत प्रोत्साहित किया। उनके आशीर्वाद से ये मुकाम हासिल किया। पत्नी ने सहयोग दिया और छह साल का बेटा होने के बाद पढ़ाई शुरू की। जी-तोड़ मेहनत की। सिंधी परिवार में जन्म लेने के बावजूद व्यापार से कुछ अलग करने की इच्छा थी इसलिए न्यायिक सेवा को चुना। सामान्य वर्ग के लिए बहुत कड़ी परीक्षा रहती है लेकिन मैंने हार नहीं मानी। प्रारंभिक, मु?य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी की। जज का पद बहुत प्रतिष्ठित रहता है। इसके लिए तैयारी भी कठिन रहती है। सिलेबस को तीस से चालीस बार रिवाइज करना पड़ता है। हमारे संविधान का यह जरुरी अंग है और इससे समाज में अनुशासन रहता है। इंटरव्यू के लिए गया तो हर स्तर पर परखा। कानून की समझ से लेकर सामाजिक ताने बाने से जुड़े सवाल पूछे। व्यक्तित्व का आकलन किया। आज इस सफलता के बाद माता-पिता, पत्नी, दोस्त सभी खुश हैं।