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तेजी से चल रहा स्लीपर व पटरी बिछाने का काम, दिसंबर में बिजाना तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य

ट्रैक दोहरीकरण: काम पूरा होने के बाद क्रॉङ्क्षसग के दौरान नहीं रोकना पड़ेगी ट्रेनें, उज्जैन से कड़छा के बीच काम पूरा, अब कड़छा व बिजाना स्टेशन के बीच चल रहा दोहरीकरण का कार्य

देवासAug 08, 2022 / 05:37 pm

Chandraprakash Sharma

तेजी से चल रहा स्लीपर व पटरी बिछाने का काम, दिसंबर में बिजाना तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य

तेजी से चल रहा स्लीपर व पटरी बिछाने का काम, दिसंबर में बिजाना तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य

देवास। उज्जैन-देवास-इंदौर रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। वर्तमान में कड़छा स्टेशन से देवास व बिजाना के बीच स्लीपर व रेल (पटरी) बिछाने का काम चल रहा है। उज्जैन के सी केबिन से कड़छा स्टेशन तक काम पहले पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में अब अब ङ्क्षबजाना तक काम हो रहा है। स्टेशन से ङ्क्षबजाना के बीच भी तेजी से काम किया जा रहा है।
उज्जैन-इंदौर के बीच रेलवे ट्रेक का दोहरीकरण हो जाने के बाद ट्रेनों को क्रॉङ्क्षसग के दौरान रोकना नहीं पड़ेगा। पिछले दिनों डीआरएम विनीत गुप्ता ने ट्रेक दोहरीकरण का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए। कड़छा से बिजाना तक दिसंबर तक दोहरीकरण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उधर ङ्क्षबजाना से मांगलिया तक मार्च 2023 तक काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
मार्च २०२२ तक पूरा करने का था लक्ष्य
उल्लेखनीय है कि उज्जैन के सी केबिन से कड़छा तक दोहरीकरण का कार्य पूरा होने के बाद रेलवे ने कड़छा से देवास व बिजाना स्टेशन के बीच दोहरीकरण का कार्य शुरू किया था। इस कार्य को मार्च 2022 तक व बिजाना से लक्ष्मीबाई नगर तक मार्च 2023 कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि कार्य पूरा नहीं हो सका और कुछ माह कार्य की गति भी धीमी रही। सूत्रों की माने तो निर्माण संबंधी दिक्कतें होने से कार्य प्रभावित हुआ था। हालांकि अब दिक्कतें दूर हो गई है और स्लीपर व पटरी बिछाने का कार्य किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार क्षेत्र में काली मिट्टी व बारिश का सीजन होने से कार्य थोड़ा प्रभावित भी हो रहा है। खासकर रेलवे ब्रिज के काम बारिश के चलते रुके हुए हैं क्योंकि यहां तक जाने-आने वाले वाहन बारिश व कीचड़ तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में जहां अर्थ वर्क पूरा हो गया है।
2018 में शुरु हुआ था कार्य
उल्लेखनीय है कि उज्जैन-देवास-इंदौर रेलवे ट्रेक के दोहरीकरण प्रोजेक्ट को नवंबर 2017 में रेलवे बोर्ड ने स्वीकृति दी थी। इसके बाद 2018 में उज्जैन की ओर से अर्थ वर्क शुरू हुआ। 79.23 किलोमीटर के कार्य में से अभी तक उज्जैन के सी केबिन से कड़छा के बीच 18 किमी के हिस्से में दोहरीकरण का कार्य हो चुका है। यहां नए ट्रेक पर ट्रेनों का आवागमन होने लगा है।
फैक्ट््स
79.23 किलोमीटर तक होना है दोहरीकरण का कार्य
18 किमी तक कड़छा और उज्जैन के बीच हो चुका है काम पूरा
2018 में शुरू हुआ था अर्थ वर्क
दिसंबर 2022 तक कड़छा से ङ्क्षबजाना बीच कार्य पूरा होने की उम्मीद
मार्च 2023 तक मांगलिया तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य
इनका कहना
कुछ कारणों से दोहरीकरण का कार्य प्रभावित हुआ था। अब फिर से कार्य में गति आ गई है और स्लीपर व पटरी बिछाने का कार्य चल रहा है। दिसंबर तक ङ्क्षबजाना तक कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद हमारा प्रयास है कि मार्च 2023 तक मांगलिया तक कार्य हो जाए। बारिश के बाद कार्य में और तेजी आएगी। बारिश के कारण फिलहाल ब्रिजों का काम रुका हुआ है। पिछले दिनों मैंने दोहरीकरण कार्य का निरीक्षण भी किया है।
-विनीत गुप्ता, डीआरएम, रतलाम मंडल
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