देवास. मतदाता जागरुकता के लिए प्रशासन जुटा हुआ है लेकिन आमजनों को जोडऩे में प्रशासन नाकाम रहा है। विभिन्न संस्थाओं की मदद से आएदिन आयोजन किए जा रहे हैं। संस्थाएं अपना फर्ज निभा रही है लेकिन प्रशासनिक अफसरों की उदासीनता के चलते आमजन अभियान से नहीं जुड़ पा रहा है। बुधवार रात को मल्हार स्मृति मंदिर में मतदाता जागरुकता के लिए हुआ आयोजन भी अव्यवस्थाओं का शिकार हो गया। तय समय से कार्यक्रम देरी से शुरू हुआ और इसमें भी आमजन की भागीदारी कम ही रही।
दरअसल जिला प्रशासन का सुस्त रवैया लगातार जारी है। अधिकारी चुनाव के समय तो सक्रिय होते हैं लेकिन जन समस्याओं से उन्हें सरोकार नहीं रहता जिसके चलते जनता का भी अफसरों से जुड़ाव नहीं हो पा रहा। वर्तमान में पुलिस-प्रशासन में यही हाल है और नए अफसरों की कार्यशैली के चलते अधीनस्थ अमला तो व्यथित है ही, जनता भी जुड़ नहीं पा रही है। इसका उदाहरण मतदाता जागरुकता के लिए किए जा रहे आयोजनों में देखने को मिल रहा है। चुनाव के समय पूरी ताकत झोंक देने वाला प्रशासन व्यवस्थाएं सुधारने के दावे तो कर रहा है लेकिन हकीकत कुछ और ही है। हस्ताक्षर अभियान, कविता, गीत, संगीत, नृत्य, नाटक आदि के माध्यमों से प्रयास किए जा रहे हैं कि मतदान का प्रतिशत बढ़े लेकिन आमजन तक यह संदेश कारगर तरीके से नहीं पहुंच पा रहा।