फरियादी वाहिद बोल रहा हूं।
कर्मचारी धीरज हा बोले।
धीरज अपने पास कितने फार्म है।
वाहिद 10 फार्म हो जाएंगे।
धीरज अच्छा 10 एक हो जाएंगे, 10 ही पैमेंट दे देंगे।
वाहिद हा 10 ही पैमेंट दे देंगे, पर कितने ।
धीरज अरे मैं तुमने प्रेम वाली बात कर रहा हूं, मैं तुमसे एक रुपए भी नहीं कमाउंगा। देखो 10 हजार रुपए हर फार्म के लगेंगे,मैं सामने वाले को पैसा दे दूंगा। अच्छा सुनो जिनके फार्म कराओगे उनसे 15 हजार रुपए लेना पड़ेंगे, इसमें मुझे तो कुछ दिलाव देना वाहिद भाई।
वाहिद 15??
धीरज मेरे वाले में तो कुछ नहीं लूंगा।
वाहिद 15 तो बहुत ज्यादा है।
धीरज मैं एक रुपए भी नहीं कमा रहा हूं।
वाहिद इंदू मैडम भी तो सर्वे करने आई थी।
धीरज आएंगी ना वो तो। क्या दिक्कत आ रही
वाहिद फिर उसका क्या मैटर, वो मांगेंगे तो
धीरज इंदू मैडम पैसे थोडी मांगेंगे।
वाहिद कल से मैडम को पता चला तो।
धीरज अरे यार…इंदू मैडम को पैसे हम देंगे, तुम क्यों पैसे दोगे, अधिकारी को डायरेक्ट दे दोगे क्या।
वाहिद किसी ने पार्षद को बोल दिया तो क्या।
धीरज अरे यार बात सुनो, फार्म जमा करे। सर्वे करा लिया सबका। 10 नाम के सर्वे करा लिए। सर्वे कर गई इंदू मैडम
वाहिद मेरा तो सर्वे ही नहीं हुआ ना।
धीरज अभी किसका सर्वे करने आई वो। जिनके सर्वे हो गए है उनसे बात कर लो। बात कर लोग और कल फार्म दे दो, ज्यादा समय बचा नहींहै। इसलिए फोन किया कि वाहिद भाई के फार्म होना चाहिए।
नरेंद्र सूर्यवंशी, आयुक्त नगर निगम मैं तो अस्सिटेंट इंजीनियर पर हूं। निचला स्टाफ अगर मेरे नाम से ले रहा है तो मुझे क्या पता। पहले भी सुनने आया है कि कु छ गलत हो रहा है। मैंने कहा कि अगर कोई प्रूफ देगा तो वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दूंगा। मैं उसको जानती तक नहीं हूं। मैं ईमानदारी से काम कर रही हूं मेरा नाम गलत तरीके से लिया जा रहा है। वरिष्ठों से मार्गदर्शन लेकर मैं खुद उसकी शिकायत करूंगी।
इंदू भारती, अस्सिटेंट इंजीनियर
धीरज गेहलोत, कर्मचारी
इरफान अली , पार्षद