शहीद जवान से लिपटकर 8 साल के भांजे ने खाई कसम, सेना में भर्ती होकर पाक से बदला लूंगा
अमित एस. मंडलोई/ अमजद शेख/सत्येंद्र सिंह राठौर @ देवास. जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में 12 जून को आतंकी हमले में शहीद देवास जिले के वीर सपूत संदीप यादव को शुक्रवार को उनके गृह ग्राम कुलाला में राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई। इससे पूर्व उनकी पार्थिव देह भोपाल से सोनकच्छ-भौंरासा होते हुए राजकीय वाहन से जुलूस के रूप में गृह ग्राम कुलाला पहुंची। सोनकच्छ व भौंरासा में बड़ी संख्या में मार्ग के दोनों ओर खड़े ग्रामीणों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। शहीद संदीप की पार्थिव देह जिस मार्ग से गुजरी, भारत माता की जय, शहीद संदीप यादव अमर रहे के नारे गूंज उठे। शहीद संदीप का अंतिम संस्कार उनके गृह ग्राम कुलाला में किया गया, जहां उन्हें पुत्र रोहित ने मुखाग्नि दी। मामा संदीप यादव का शव देखकर भांजा शुभम यादव (आठ वर्ष) लिपट गया। रूंधे गले से बोला- मामा की शहादत को याद रखंूगा, मैं भी सेना में भर्ती होकर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दूंगा।
उधर, संदीप यादव के परम मित्र दिलीप पटेल, संतोष गुरुवार को ही भोपाल पहुंच गए थे। पूरे रास्ते दोस्त की पार्थिव देह के साथ नजर आए। परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था। मुखाग्नि के दौरान बेटे रोहित को कई लोगों ने संभाले रखा। भौरांसा से कुलाला तक हजारों लोग तपती दोपहरी में पैदल चले। हरेक की निगाह यादव की झलक पाने पर टीकी थी।
विदित है कि 12 जून को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 5 जवान शहीद हुए थे, जिनमें संदीप यादव भी शामिल थे। शुक्रवार को हजारों लोगों ने अश्रूपूरित विदाई दी। प्रदेश के उच्च शिक्षा व खेल एवं युवा कल्याण मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री जीतू पटवारी, लोक निर्माण एवं पर्यावरण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, सांसद महेंद्र सोलंकी, विधायक हाटपीपल्या मनोज चौधरी, जिपं अध्यक्ष नरेंद्रसिंह राजपूत, महापौर सुभाष शर्मा, मनोज राजानी, सीआरपीएफ के आईजी, कलेक्टर डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय, एसपी चंद्रशेखर सोलंकी ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
शहीद की कुर्बानी पर हर आंख नम सबसे पहले भोपाल से सेना के जवान एक गाड़ी में पार्थिव शव लेकर सोनकच्छ पहुंचे, साथ में मंत्री सज्जनसिंह वर्मा चल रहे थे। सोनकच्छ सहित रास्ते में पडऩे वाले गांवों में हुजूम के साथ देशप्रेम के जज्बे के साथ लोगो ने शहीद संदीप को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। शहीद की पार्थिव देह के सोनकच्छ पहुंचते ही जनसैलाब उमडऩे लग गया था। पार्थिव देह को लेकर सेना का वाहन जैसे ही सोनकच्छ पहुंचा लोगों ने जमकर देशभक्ति के नारे लगाए। लोग सेना के जवान के साथ ही वीर सपूत शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिएगांव तक चल दिए। नारे लगाती भीड़ ने पूरे वातावरण में देशभक्ति की अलख जगा दी थी।
सडक़ पर बनाई रंगोली, रास्तेभर हुई फूलों की बारिश कुलाला ग्राम से तीन किमी पहले भौंरासा में जनसमुदाय उमड़ पड़ा अपने वीर सपूत शहीद के अंतिम दर्शन करने को महिलाएं बच्चे बुजुर्ग सभी ने नम आंखों से विदाई दी। वीर शहीद को लोगों ने अपने-अपने अंदाज में खास श्रद्धांजलि अर्पित की। भौंरासा में आते ही मुख्य सडक़ पर लोगों ने आकर्षक रंगोली बनाई थी। भौंरासा में एक दर्जन से अधिक स्टेज भी शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाए थे, जिसमें लोग रास्तेभर फूलों की बरसात अपने वीर शहीद पर करते रहे। महिलाओं व युवतियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। लोग घरों की छतों से शहीद पार्थिव देह पर फूलों की बारिश कर अपनी श्रद्धांजलि देते रहे।
उमड़ पड़ा गांव, पैर रखने की नहीं थी जगह शहीद के गृह गांव कुलाला में आसपास के सैकड़ों गांवों के लोग भी पहुंचे थे। शहीद की पार्थिव देह गांव में पहुंचने के पहले ही भारी जनसैलाब उमड़ चुका था। हर कोई अपने वीर शहीद को अंतिम विदाई का मौका नहीं छोडऩा चाहता था। सडक़ पर जगह खत्म हो गई तो लोग छतों पर चढ़ गए। जब पार्थिव देह गांव पहुंची तो भारी जनसैलाब ने अपने वीर सपूत शहीद पर फूलों की बारिश कर दी। पूरा गांव फूलों से पट गया। कुलाला गांव में मातम पसरा हुआ था। यहां के किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला। गांव का हर व्यक्ति शहीद की शहदत पर फर्क कर रहा था।
पुत्र रोहित ने दी मुखाग्नि शहीद वीर सपूत संदीप यादव का शव जैसे ही घर पहुंचा तो उनकी पत्नी ज्योति, पिता और बेटा रोहित बिलख पड़े। सब्र का बांध टूट गया। पत्नी ज्योति शव से लिपट कर धैर्य खो बैठी। स्थानीय पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। मुखाग्नि स्थल पर पहले क्षेत्रीय विधायक और मंत्री सज्जनवर्मा, मंत्री जीतू पटवारी, सांसद महेंद्र सोलंकी, कलेक्टर सहित अनेक लोगो ने पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि प्रदान की। सैना की सशस्त्र टुकड़ी ने राजकीय सम्मान व गार्ड ऑफ ऑनर दिया और फिर पुत्र रोहित ने मुखाग्नि दी। शहीद संदीप यादव का अंतिम संस्कार वहीं हुआ, जहां उनके नए घर की छत भरी जाना थी।