सोनकच्छ के रहने वाले मनीष पिता गोकुलचंद करवाडिय़ा कलेक्टर से मिलने मंगलवार को देवास आए थे। साथ में पत्नी उषा करवाडिय़ा व तीन साल के बच्चे रजत को भी साथ लाए थे। बोले सात साल पहले सन् 2012 को हम दोनों ने कोर्ट में लव मैरिज की थी। उसके बाद से खापा पंचायत वालों ने हमारा व हमारे पांंच परिवारोंं का सामाजिक बहिष्कार कर दिया हैं। वे कह रहे है कि लड़की के बदले लड़की जब तक नहीं दोगे, तुम्हारा सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। वे बोले शादी वाले साल में ही मुसीबत टूट पड़ी थी। हमारे परिवार पर हमला किया लेकिन जान बच गई थी।
मानवाधिकार आयोग ने लिया था संज्ञान खापा पंचायत की दादागिरी की शिकायत दंपत्ति ने मानवाधिकार आयोग से की थी। वहां शिकायत जाने के बाद पुलिस हरकत में जरूर आई लेकिन दोनों पक्ष में कागजी सुलह कराने के अलावा कुछ नहीं कर सकी। देवास के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देश के बाद सोनकच्छ पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच 26 अप्रैल 2017 को समझौता करा दिया लेकिन ये समझौता खापा पंचायत ने कभी स्वीकार नहीं किया। समाज के पांच परिवार ने जब अपनी तरफ से रविदास जयंती पर पिछले वर्ष 2018 में चंदा दिया तो खापा पंचायत ने उसे लेने से मना कर दिया।
मामला काफी पुराना हैं। मुझे याद नहीं आ रहा हैं। लेकिन अगर इन्होंने फिर शिकायत की हैं तो मामले को फिर से दिखवा लेंगे।
अनिल पाटीदार,
एएसपी देवास।
अनिल पाटीदार,
एएसपी देवास।