देवास कोर्ट में विशेष न्यायाधीश एससी,एसटी एक्ट के प्रकरण में पारित निर्णय 3 अप्रैल 19 में धारा 147, 452, 294, 149, 307, 353,148, 357 व लोक संपत्ति निवारण अधिनियम 1984 के तहत निगम के दो नियमित सफाई संरक्षक चिंताराम लावरे, राजेन्द्र दावरे तथा विनियमितिकरण सफाई संरक्षक अनिल सांगते, पारस कलोसिया, सतीष बंजारे, अनिल बंजारे, मुकेश को नगर निगम आयुक्त नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा कोर्ट दरा दोषी माने जाने के बाद बर्खास्त कर दिया गया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि प्रथम दृष्टि में यह सिद्ध होता है कि सफाई संरक्षकों का नैतिक पतन हो चुका है और उन्हें शासकीय सेवा में रखना लोकहित में उचित नहीं है। इस आदेश के बाद उक्त कर्मचारियों के शासकीय सेवा से आयोग्य हो जाने व उक्त कर्मचारियों के विरुद्ध दण्डादेश पारित होने से मप्र सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के नियम 10,9 के तहत उपरोक्त कर्मचारियों को निगम के सफाई संरक्षक के पद से बर्खास्त किया गया। आयुक्त ने बताया कि कोर्ट से दोषी सिध्द होने के बाद पदच्युती बर्खास्तगी के अलग से आदेश जारी नहीं किए जा रहे हैं। जारी उपरोक्त उल्लेखित निर्णय के प्रकाश में निगम या अन्य किसी शासकीय एवं अद्र्धशासकीय सेवाओं में अयोग्य रहेंगे। इसके अलावा प्रकरण में दो नियमित कर्मचारी धनराज सांगते व दिनेश सांगते की सेवा समाप्त की गई। इस आदेश के परिणाम स्वरूप पदच्युत,दोषी कर्मचारी को किसी भी प्रकार के देय स्वत्वो को प्राप्त करने की अधिकारिता नहीं रहेगी।