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कभी हमारा शहर खुद रोजगार देता था आज हालत ये है कि हमें बाहर भागना पड़ रहा

– जनता ने तय कि देवास जिले की प्राथमिकताएं

देवासApr 01, 2019 / 11:26 am

Amit S mandloi

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देवास. कभी हम विकास के मामले में बहुत आगे थे। हमारा शहर हजारों लोगों को रोजगार देता था। लेकिन देखते ही देखते हम दुर्दशा के शिकार हो गए। आज हालत ये है कि हमारे बेरोजगार युवा को 5 से 10 हजार की छोटी नौकरी के लिए भी इंदौर जाना पड़ता है। देखते ही देखते हमारे यहां के इंडस्ट्री क्षेत्र ने दम तोड़ दिया। हालत अन्य क्षेत्र में भी अभी अच्छे नहीं है।
देवास शहर के अंदर ही ऐसा कोई बड़ा निजी अस्पताल मौजूद नहीं है जो गंभीर मरीज को इलाज दे सके। आनन फानन में रोजाना कई गंभीर मरीजों को इंदौर रैफर कर दिया जाता है। कई मरीजों की मौत तो इसलिए हो जाती है कि वे समय पर इंदौर के निजी अस्पताल नहीं पहुंच पाते। ये विचार उन लोगों के थे जो पत्रिका जनएजेंडा के तहत रविवार को जुटे थे। अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले सभी लोगों ने देवास संसदीय क्षेत्र के विकास में सांसद की भूमिका को अति महत्वपूर्ण माना। सभी ने कहा कि सांसद ऐसा होना चाहिए जो सक्रियता के साथ काम करे। उसमें मुद्दों की समझ हो, जनता के प्रति संवेदनशील हो।
देखते ही देखते बदहाल हो गया

हमारा इंडस्ट्री एरिया कभी बड़ी पहचान रखता था लेकिन आज देखते ही देखते ये बदहाल हो गया है। सांसद के चुनाव में हमेशा हमें बाहरी उम्मीदवार ही मिला है। केवल बापूलाल मालवीय, फूलचंद वर्मा ही स्थानीय थे। अगर स्थानीय प्रत्याशी को दोनों पार्टियां टिकट देगी तो वो यहां की समस्या को अच्छे से समझेगा, शहर हित में क्या किया जा रहा है, इस पर बात होना चाहिए। हर चुनाव में इंडस्टी की बात होती है लेकिन केवल आरोप-प्रत्यारोप तक ही बाते रह जाती है। ओवरब्रिज निर्माण पर भी दोनों तरफ से दावे हुए। जनप्रतिनिधि कोई सी भी पार्टी का हो उसके कराए विकास कार्यों की दलगत भावना से ऊपर जाकर सराहना होना चाहिए।
मोहन वर्मा, रचनाकार

12 प्रतिशत आबादी के अनुभव का लाभ मिले
अभी बुजुर्गों की आबादी 12 प्रतिशत के करीब है। ये 2030 में बढ़कर 20 प्रतिशत हो जाएगी। क्षेत्र से चुने सांसद को चाहिए कि वो बुजुर्गों के हित में कोई ठोस योजना के लिए काम करे। उसे देश की संसद के सामने रखे। अभी हो यह रहा है कि बुजुर्गों के अनुभव का लाभ समाज को नहीं मिल पा रहा है। अगर शासन ऐसी कोई योजना बनाए जिसमें बुजुर्गों के अनुभव का लाभ उठाया जा सके तो इससे पूरे समाज का भला होगा। इसके लिए चुने सांसद को आगे आना चाहिए। गरीब फेरे वाला, छोटा किसान 60 के बाद कैसे काम करेगा। बुजुर्गों पर ध्यान रखकर नीति बनाई जानी चाहिए।
डॉ. मनोहर भाले, अध्यक्ष
वरिष्ठ नागरिक संस्था देवास।
40 प्रतिशत युवा नौकरी के लिए बाहर जाते
आज देवास शहर के युवा को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। स्थानीय रोजगार का मुद्दा अभी भी बना हुआ है। देवास से करीब 40 प्रतिशत युवा इंदौर नौकरी के लिए जाते है। एक समय देवास का औघोगिक क्षेत्र प्रसिध्द था, हजारों लोगों को यहां से रोजगार मिलता था, लेकिन आज हालत एकदम उलट है। चुनाव-दर चुनाव निपटते गए लेकिन इंडस्ट्री क्षेत्र की बदहाली पर ध्यान नहीं दिया गया। चुनाव में स्थानीय रोजगार का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाना चाहिए। यहां के युवा को रोजगार मिले।
हारिस गजधर, सामाजिक कार्यकर्ता
कई योजनाओं की दरकार
देवास संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाओं की जरूरत है। शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजागर के स्तर पर कई काम किए जाने हैं। सरकार को बुजुर्गों के लिए भी अलग से योजना बनानी चाहिए। आज एकल परिवारों की संख्या तेजी से बड़ रही है, जहां बुजुर्ग हाशिए पर जा रहे हैं। बुजुर्गों को ऐसे समय ज्यादा मजबूत सुरक्षा चाहिए जो कि सरकार ही दे सकती है।
व्हीपी गुहा, वरिष्ठ नागरिक संस्था सदस्य।
जिला इंदौर से बड़ा फिर भी उपेक्षित
हमारा देवास जिला इंदौर से काफी बड़ा है लेकिन आज फिर भी क्षेत्र में उम्मीद के अनुसार विकास नहीं हुआ है। करीब 180 किमी क्षेत्र में हमारा देवास जिला फैला हुआ है। शहर के एक मात्र जिला अस्पताल में भी ठीक से इलाज नहीं मिल पा रहा है। बेरोजगार युवा इधर उधर भटक रहा है। थक हारकर जब वो अपने व्यवसाय के लिए सरकारी योजनाओं के अंतर्गत आवेदन करता है तब भी उसके हाथ खाली रह जाते हैं।
रूपेश मनेठिया, सामाजिक कार्यकर्ता
नेता वो हो जो क्षेत्र से हो परिचित
लोकसभा चुनाव की दृष्टि से देखा जाए तो बड़ा क्षेत्र हो जाता है। स्थानीय की जगह क्रियाशील नेता होना चाहिए। क्षेत्र की जरूरतों से परिचित होना चाहिए। हमारा सांसद निष्क्रिय होगा तो कई विकास योजनाओं से क्षेत्र पिछड़ जाएगा। लोकसभा का सदस्य बनकर वो विकास को नीचे तक लाए। जागरूक हो, शिक्षित हो। व्यापक दृष्टि रखता हो। समय अनुसार क्षेत्र की समस्या को सांसद में उठा सके। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार की बेहद आवश्यकता। एक मेडिकल कालेज होना चाहिए।
अजय शर्मा, समाजिक कार्यकर्ता
कई काम हुए, कई अभी बाकी
जल्द ही हमें एक नया सांसद मिलेगा। देवास में कई विकास के काम हुए हैं। जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य क्षेत्रों में हम आगे बड़े हैं। एक सक्रिय सांसद हमें अगली बार भी चुनना चाहिए। कई और मुद्दे भी सक्रियता से हल हो सकते हैं।
योगेंद्रसिंह, छात्र नेता।
शहर किसी भी क्षेत्र में नहीं आत्मनिर्भर
देवास शहर को लंबे समय से स्थानीय सांसद नहीं मिला है। जो चुनकर आए वे बाहरी थे। बाहर का सांसद शहर से जुड़ाव महसूस नहीं करता। वो स्थानीय समस्या को हमेशा दरकिनार करेगा। आज देवास किसी भी क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं है। हमें नौकरी, इलाज व अन्य काम के लिए इंदौर ही जाना पड़ता है। सांसद किसी भी पार्टी का हो लेकिन वो देवास की मूलभूत समस्याओं से जुड़े, वो इसे अपना माने। आज हम पूरी तरह से इंदौर पर निर्भर हो गए हैं।
चयन कानूनगो, आईटी प्रोफेशनल
जनता के प्रति हो जवाबदेह
हमारे संविधान के तीन बिंदु है न्यायपालिका, कार्यपालिका व विधायिका। लोकसभा के लिए हमें जल्द ही मतदान का अवसर मिलने वाला है। जो भी सांसद हम चुने वो जनता के प्रति जवाबदेह हो। देवास लोकसभा एक बड़ा क्षेत्र है। स्थानीय सांसद मिलना तो मुश्किल है लेकिन जो भी सांसद बने वो विकास कार्यों के लिए समर्पित होना चाहिए।
मनीष पारीक, वकील
संसद में रखे क्षेत्र की बात
स्थानीय सांसद हो ये तो मुश्किल बात है। आठ विधानसभाएं होती हैं, हर व्यक्ति चाहेगा की उसके क्षेत्र का ही व्यक्ति सांसद हो। जो भी सांसद हो वो सक्रिय हो। सांसद ही ऐसा व्यक्ति होता है जो केंद्र सरकार तक हमारी बात रख सकता है।
मनीषा बाफना, समाजसेविका

जनता के मुद्दे पर खुलकर सामने आए
सांसद से अपेक्षा रहती है कि वो जनमानस को सुगमता से मिल जाए। शिक्षा, स्वास्थ्य व अन्य कई समस्याओं का हल सांसद के सहयोग से हो सकता है। शहर में अतिक्रमण की समस्या बड़ी हो गई है। शाम को बाजार क्षेत्र में निकल जाओ। सांसद ऐसा हो जो जनता के मुद्दे पर खुलकर सामने आ सके।
आशुतोष यादव वकील
कई समस्याएं अब भी बनी हुई
सांसद सक्रिय होना चाहिए, जो जनता के मुद्दों पर संवेदनशीलता रखता हो। जनता की समस्याओं के समधान के लिए एक सांसद को हमेशा सक्रिय होना चाहिए। कई समस्याएं देवास लोकसभा में अब भी बनी हुई है। अगर आने वाला सांसद जनता से जुड़ा होगा तो फिर विकास को गति मिलेगी।
रजनीश द्विेदी, वकील
नेता को हम लोग ही भूल जाते
हमें खुद ही एक्टिव होना होगा। हमारे घर नेता आकर वोट मांग जाता है, फिर हम भी भूल जाते हैं। हमारी लापरवाही के चलते वो भी पूरी तरह से निष्क्रिय हो जाता है। अगर जनता जागरूक रहे तो चुना हुआ जन प्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता। अगर वो भागने की कोशिश भी करे तो हम खुद उसके पास पहुंचकर उसकी लापरवाही पर गांधीवादी तरीके से हार पहनाकर सम्मान करे। ऐसा करने पर उसे जो शर्मिदंगी आएगी वो उसे काम करने के लिए प्रेरित करेगी। लेकिन इसके पहले हमें ही जागरूक व सक्रिय होना होगा।
जितेंद्र सोलंकी, सामाजिक कार्यकर्ता
गुटबाजी के चलते विकास प्रभावित
देवास की कई समस्याएं है। लेकिन आपसी गुटबाजी के चलते विकास नहीं हो पा रहा है। मेरा निवेदन है कि जो भी सांसद बने वो सक्रिय रहकर शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन क्षेत्र में कराए।
चैतन्य वशिष्ठ वकील

जनसंख्या ने विकराल रूप ले लिया
आज जनसंख्या विकराल रूप ले चुकी है। जब तक जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं लगेगा, विकास योजनाओं का फायदा नहीं मिलेगा। सांसद भी इसके लिए आगे आए व दो बच्चों का नियम के लिए कानून बनाने के लिए दबाव बनाए।
राजेंद्र नागर, वकील

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