जानकारी के मुताबिक मंगलवार को इस मामले में तूल पकड़ा। नगर निगम के इंजीनियरों को जानकारी मिली तो वे देखने गए। इसके बाद इंजीनियरों ने रक्षित निरीक्षक से बात की। सूत्रों का कहना है कि नगर निगम की जमीन से लगा एसपी ऑफिस धीरे-धीरे नगर निगम की ओर आ रहा है। पीछे की तरफ गली में जो यूरिनल था उसे पुलिस ने अपने कब्जे में कर वहां बाउंड्रीवॉल बना ली है। नगर निगम के पुराने भवन में जहां कमॢशयल कॉम्प्लेक्स बनना है वहां भी एसपी ऑफिस के नए भवन का हिस्सा आ रहा है और पुलिस कह रही है कि यह हमारी जगह है। खास बात यह है कि पुलिस विभाग के नए एसपी ऑफिस के निर्माण को भी गलत बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इसकी जो बाउंड्रीवॉल बनी है वह मास्टर प्लान के हिसाब से नहीं है। कई नियमों का पालन नहीं किया। पार्किंग एरिया तक नहीं है। इस मामले को लेकर निगम नाराज है लेकिन पुलिस से कुछ बोल नहीं पा रहा।
सरासर गलत, हमने तो सहयोग ही किया इस मामले में रक्षित निरीक्षक जगदीश पाटिल ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। नगर निगम और पुलिस दोनों शासन के विभाग हैं। दोनों का काम जनता की सेवा करना है। कोई प्राइवेट तो है नहीं कि सरकारी जमीन पर कब्जा कर लें। पीछे वाले हिस्से में पेशाबघर था जहां गंदगी थी। इसकी बदबू आती थी। हमने उसे साफ करवाया और आसपास बाउंड्री बना दी ताकि न आए। पहले भी घूमते थे। हमने तो नगर निगम का ही सहयोग किया है। अतिक्रमण या कब्जे की कोई बात नहीं है। सरासर गलत आरोप है।
-अधिकारियों ने मुझे इसकी जानकारी है। बताया है कि पुलिस द्वारा हमारी जमीन पर अतिक्रमण किया गया है। इसकी जांच करवाएंगे। आयुक्त को जांच के लिए कहा है।
– सुभाष शर्मा, महापौर देवास