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बिजली बिल…प्रिंट तारीखों को पेन से काटकर बदला, असमंजस में उपभोक्ता

चेक व नकद भुगतान दोनों की अंतिम तिथियों को किया गया पीछे

देवासSep 20, 2019 / 11:45 am

mayur vyas

देवास. बिजली कंपनी द्वारा हर माह जारी किए जाने वाले बिजली बिल इस बार शहर के अनेक क्षेत्रों में कई उपभोक्ताओं को असमंजस में डाल रहे हैं। इन क्षेत्रों के कई बिजली बिलों पर प्रिंट तारीखों को पेन से काटकर बदलाव किया गया है। चेक से व नकद भुगतान की अंतिम तारीखों को एक-दो दिन कम करके लिखा गया है, ऐसे में उपभोक्ता प्रिंट की तारीख को सही मानें या फिर पेन से लिखी हुई, यह समझ नहीं आ रहा है। मामले को लेकर कई उपभोक्ता बिजली कंपनी के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क भी कर रहे हैं।
गुरुवार को मधुबन कॉलोनी, अर्जुनगर आदि क्षेत्रों के कई हिस्सों में बिजली बिलों का प्रदाय किया गया। पहली नजर में तो कई उपभोक्ताओं ने बिल को गंभीरता से नहीं देखा लेकिन कुछ देर बाद नजर पड़ी तो पता चला कि बिल भुगतान करने की जो अंतिम तिथियां बिल के ऊपरी हिस्से में दायीं ओर लिखी रहती हैं वो पेन से काटकर बदली गई हैं। इस क्षेत्र में बांटे गए अधिकांश बिलों में तारीख में बदलाव किया गया है। बिल में चेक से भुगतान की अंतिम तिथि २४ सितंबर व नकद भुगतान की अंतिम तिथि २७ सितंबर प्रिंट हुईथी लेकिन उसे पेन से काटकर २३ व २५ सितंबर किया गया है। उपभोक्ता संजय सिंह ने बताया आसपास के जितने में मकानों में बिल दिया गया है सभी में पेन से काटकर तारीख बदली गईहै। हो सकता है कि जहां से बिल प्रिंट होते हैं वहां से कोई त्रुटि हुई हो इसलिए बाद में पेन से काटकर सुधार किया गया हो। उपभोक्ता संदीप सिंह ने बताया संभवत: तारीख बदलने का काम भी बिल बांटने वाले कर्मचारियों द्वारा ही किया गया है। अंतिम तिथि को लेकर शंका की स्थिति होने पर हेल्पलाइन नंबर पर पूछताछ कई उपभोक्ता कर रहे हैं, हालांकि किसी तरह के विलंब शुल्क से बचने के लिए लोग पेन से लिखी हुई तारीख को ही अंतिम मानने की बात कर रहे हैं।
फोटो किसी काम का नहीं, रीडिंग गायब
बिजली कंपनी द्वारा कई साल पहले मीटर रीडिंग बिल में प्रमाणिक रूप में दर्शाने के लिए मीटर के रीडिंग वाले हिस्से का फोटो देने की शुरुआत की थी। इसकी व्यवस्था आजतक सुधर नहीं पाई है। अधिकांश बिलों में फोटो तो रहता है लेकिन उसकी गुणवत्ता इतनी खराब आती है कि रीडिंग स्पष्ट रूप से नजर ही नहीं आती। वहीं कई बार रीडिंग वाला फोटो छपता भी नहीं है।
वर्जन
पता करवाते हैं क्यों हुआ बदलाव
सामान्यत: इस तरह का बदलाव होने पर तारीखों में बढ़ोतरी होती है, कमी नहीं होना चाहिए। पता करवाते हैं कि किन कारणों के चलते तारीखों में बदलाव करने की स्थिति बनी है। हालांकि उपभोक्ताओं के पास कईदिनों का समय है, उनको असुविधा नहीं होगी।
सतीश कुमरावत, कार्यपालन यंत्री विविकं देवास।

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