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देवास

इटावा से बसें चलने पर घटा धंधा

 उज्जैन रूट की बसें 15  दिन से चल रही इटावा बस स्टैंड से – रात के समय ऑटो वाले मनमाना किराया वसूल रहे

देवासSep 04, 2017 / 11:30 am

अर्जुन रिछारिया

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देवास. महात्मा गांधी बस स्टैंड से संचालित होने वाली उज्जैन रूट की बसों को सड़क सुरक्षा समिति की गत माह आयोजित बैठक में निर्णय लिया था कि बसें इटावा बस स्टैंड से संचालित होगी। समिति के इस निर्णयानुसार बसें गत १५ दिनों से इटावा बस स्टैंड से चल रही हैं, जिससे शहर के मुख्य एबी रोड से लेकर उज्जैन रोड ब्रीज इस व उस पार ट्रैफिक में खासा सुधार आया है। इससे शहरवासियों को राहत मिली है, लेकिन बस मालिकों के सामने आर्थिक बाधा उत्पन्न हो गई है। इटावा स्टैंड से बसें चलने पर धंधा आधा हो गया है, जिससे बस में डीजल के साथ ही स्टाफ खर्च निकालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
बस संचालक रवि दायमा, राजू जायसवाल व अज्जू शेख के अनुसार बस स्टैंड से उज्जैन रूट की बसें चलने पर बसों में इटावा तक काफी सवारियां हो जाती थी, जिससे आने-जाने में धंधा अच्छा होता था। अब इटावा से बसें संचालित होने पर काफी यात्री इटावा बस स्टैंड तक आते ही नहीं है। इन यात्रियों ने बसों से सफर करना बंद करते हुए ट्रेन से उज्जैन आना-जाना शुरू कर दिया है। यात्रियों को इटावा स्टैंड से जाने से बेहतर रेलवे स्टेशन जाना आसान है, क्योंकि ट्रेन का किराया कम होने के साथ ही करीब भी पड़ता है। इटावा बस स्टैंड पर मैजिक व ऑटो रिक्शा से जितनी सवारियां बस स्टैंड से आती है, उतनी ही दस मिनट में लेकर बस वाले चल देते हैं। रास्ते में इतनी सवारियां नहीं मिल रही है, जिससे की बस का खर्च निकल सके। शाम में जिन बस मालिकों की दो से तीन बसों का नंबर रहता है, वह एक ही बस लेकर उज्जैन जा रहे हैं।

ऑटो वाले लेते मनमाना किराया
रात के समय उज्जैन की तरफ से आने वाली बसें इटावा बस स्टैंड पर ही सवारियां उतारती हैं। सवारियों को अपने-अपने गणतव्य तक पहुंचने के लिए एक मात्र सहारा ऑटो रिक्शा रहता है। ऑटो वाले रात में ७०- 100 रु. सवारियों की मजबूरी को देखते हुए मनमाना किराया वसूल रहे हैं।
एजेंटी वाले भी नहीं मान रहे
अवैध रूप से उज्जैन रूट की बसों की एजेंटी लेने के लिए एजेंटों के गुर्गे व गुंडे इटावा बस स्टैंड पर भी पहुंच गए हैं। इन बदमाशों को बस वाले एजेंटी नहीं देते हैं तो स्टैंड से पहले बस बाहर निकाल देते हैं। पुराने गुट का एजेंट की बजाए नए गुट का एजेंट के गुंडे बस स्टैंड पर धाक जमाकर प्रति बस से वसूली कर रहे हैं।
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