आइसीयू में भी खतरा: जिला अस्पताल में कायाकल्प अभियान में काफी काम हुआ है। अस्पताल के बाहरी हिस्से में सुंदरता के लिए एसीपी शीट का काम हुआ है तो अंदर की छतों पर पीवीसी शीट््स से छत तैयार कर लाइङ्क्षटग की गई है। इसी तरह नए बने आईसीयू के बाहरी हिस्से में भी शीट््स लगाई गई है। साथ ही इंट्रेंस पर जो भी लकड़ी व प्लायवुड का काम हुआ है। ऐसे में यहां भी ऐसी चीजों का ज्यादा उपयोग हुआ है जो ज्वलनशील है।
हाइड्रेंट या स्प्रिंकलर सिस्टम की जरूरत
जिला अस्पताल में वर्तमान में आग से बचाव के लिए केवल फायर एक्सङ्क्षटग्यूशर ही मौजूद है। अस्पताल भवन के अनुसार यहां हाइड्रेंट या स्प्रिंकलर सिस्टम की जरूरत है। इन सिस्टम का उपयोग ज्यादातर बड़े भवनों में होता है।
अस्पताल के सभी वार्डों के बाहर फायर एक्सङ्क्षटग्यूशर लगे हैं। हम सीएसआर फंड से स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। शॉट सर्किट न हो इसलिए हमने सभी लाइनें अलग कर दी है। तीन ट्रांसफार्मर की व्यवस्था की है ताकि लोड न हो। जल्द ही स्टेबिलाइजर का भी इंतजाम कर रहे हैं ताकि लोड ओर कम हो जाए।
-डॉ. अजय पटेल, आरएमओ