महासमुंद: 990 संदिग्धों की जांच में मिले 83 कोरोना पॉजिटिव, 152 स्वस्थ होकर लौटे घर
उल्लेखनीय है कि वातावरण में परिवर्तन होने के साथ ही कोरोना वायरस की प्रकृति में भी लगातार बदलाव हो रहा है। यही वजह है कि कई मरीजों में वायरस का लक्षण परिलक्षित होने के बाद भी संक्रमित होने की पुष्टि अब तक नहीं की जा सकी है। ऐसे में मरीजों के स्वास्थ्य को देखते हुए विशेषज्ञ डॉक्टर उन्हें क्लोरोक्वीन, पैरासिटामॉल और एजिथ्रोमाइसिन नामक दवाई लेने की सलाह दे रहे हैं। पत्रिका टीम ने कोरोना संक्रमित होने के बाद पुनः स्वस्थ हुए मरीजों से चर्चा की तो पता चला कि स्वस्थ होने के बाद भी उनके शरीर में एंटीबॉडी नहीं बना है। ऐसे में उन पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है।
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पत्रिका पड़ताल में पता चला है कि जिले में करीब 10 फीसदी मरीज ऐसे हैं, जो स्वस्थ होने के बाद भी किसी न किसी बीमारी का इलाज करा रहे हैं। इनमें जोखिम का खतरा काफी बढ़ गया है। यदि समय रहते स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया, तो जिले में मौत का आंकड़ा 1.3 से बढ़ सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग भी सकते में हैं।
एक जानकारी के अनुसार जिले में अब तक 3380 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। वहीं 2653 मरीज पुनः स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि 53 लोगों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के मामले में धमतरी जिले की स्थिति अन्य जिलों की अपेक्षा काफी बेहतर है। ऐसे में भविष्य में संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगाने की स्वास्थ्य विभाग के समक्ष बड़ी चुनौती है।