ओबीसी महासभा के जिला संयोजक कमलेश साहू का कहना था कि भारत की समस्त पिछड़ी जातियां चाहे वे अनुसूचित जातियां हो या जनजाति या पिछड़ा वर्ग भारत की मूल निवासी जातियां हैं। आजादी के पहले धार्मिक, सामाजिक सांस्कृतिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीति क्षेत्रों में अंतर करने वाली असमानता, छुआछूत, भेदभाव को बढ़ावा देने वाला मनु का कानून था।
आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ, जिसमें भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार अभिव्यक्ति, विश्वास धर्म और उपासना की स्वतंत्रता प्रदान किया गया।
उन्होंने आगे कहा कि काका कालेकर आयोग मंडल तथा भारतीय संविधान अनुछेद 340, 341 और 342 से तहत पिछड़ा वर्ग से लोगों को संरक्षण का अधिकार प्रदान करना है, लेकिन आजादी के 70 साल के बाद भी इस आयोग की सिफारिशों को नजर अंदाज किया जा रहा है। ऐसे में ओबीसी महासभा में रोष व्याप्त है।