उल्लेखनीय है की सार्ड- गर्म मौसम बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भरी पड़ रहा है। वायरल इन्फेक्शन और आरवीएस (रेस्पिरेटरी सिंक्राइटियल वायरस) के संक्रमण के चलते बच्चे और नैनिहालों सर्दी, बुखार समेत निमोनिया के गिरफ्त में आ रहे है। शुक्रवार को पत्रिका टीम ने जिला अस्पताल का
मुआयना किया। देखा गया कि यहां निमोनिया से पीडि़त बच्चोंं का इलाज किया जा रहा था।परिजन कविता बाई (तार्री), दामिनी बाई (दोनीटोला) ने बताया की उनके बच्चे को बोक्राइल निमोनिया हो गया है। काफी इलाज के बाद भी राहत नहीं मिली। ऐसे मेंं उन्होंने अपने बच्चोंं को इलाज के लिए जिला अस्पताल के शिशु रोग विभाग मेंं भर्ती कराया है। यहां नियमों से पीडि़त करीब 12 बच्चों का इलाज चल रहा है, इनमें से दो की स्थिति गंभीर हैं, जिनका शिशु रोग विशेषज्ञ की गिरानी में इलाज किया जा रहा है। विशेषज्ञ डाक्टरों की मानें तो बच्चोंं मेंं दो प्रकार के निमोनिया होते हैं।
पहला लोबर निमोनिया, यह बीमारी फेफडों के एक या उससे अधिक हिस्से को प्रभावित करती है, जिससे बच्चे को श्वांस लेने मेंं तकलीफ होती है। इसी तरह दूसरा ब्रोंकाइल निमोनिया होता है।धमतरी जिले में ब्राकाइल निमोनिया की शिकायत बच्चोंं में ज्यादा देखने को मिल रही है। इस बीमारी में पीडि़त बच्चे के दोनो फफड़े में कफ बर्फ की तरह जम जाता है। ऐसे में बच्चे की जान पर खतरा बन आता है।