जब पुलिस ने जांच पड़ताल की तो मामले का पर्दाफाश हो गया। यह हत्या जमीन संबंधी विवाद के कारण की गई। पुलिस के समक्ष दिए गए बयान में देवर हेमलाल चांद (29) पिता बेनीराम ने बताया कि खेमीन बाई ने 7 डिसमिल जमीन को उनके नाम पंजीयन कराने की बात कही थी, लेकिन बाद मुकर गई। घटना दिनांक को पता चला कि वह खेत गई है, तो वह पीछे-पीछे आ गया। यहां भी उसने सात डिसमिल जमीन को अपने नाम पर दर्ज कराने के लिए कहा, लेकिन खेमीन बाई ने स्पष्ट मना कर दिया। इतने में वह आग बबूला हो गया और उस पर धारदार हथियार बसुला से वार कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
सजा एक नजर में सत्र न्यायाधीश केएल चरयाणी ने मामले में सभी सबूतों को देखने और गवाहों को सुनने के बाद आरोपी हेमलाल चांद (29) पिता बेनीराम को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही एक हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड जमा नहीं करने पर उसे तीन माह का साधारण कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा।