script17 हजार के लिए अस्पताल में शव को 4 घंटे तक रोका रखा, दर-दर भटकती रही पत्नी, मानवता हुई तार-तार | dead body kept in hospital for 4 hours for 17 thousand Dhamtari | Patrika News
धमतरी

17 हजार के लिए अस्पताल में शव को 4 घंटे तक रोका रखा, दर-दर भटकती रही पत्नी, मानवता हुई तार-तार

शहर के एक निजी अस्पताल में फिर मानवता तार-तार हो गई। अस्पताल संचालक ने 17 हजार रुपए के लिए शव को 4 घंटे तक के लिए रोके रखा।

धमतरीMay 19, 2020 / 11:15 am

Bhawna Chaudhary

Hospitals-Laboratories- निजी अस्पतालों-प्रयोगशालाओं की किसमें कम हो रही रुची

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धमतरी. शहर के एक निजी अस्पताल में फिर मानवता तार-तार हो गई। अस्पताल संचालक ने 17 हजार रुपए के लिए शव को 4 घंटे तक के लिए रोके रखा। परिजनों ने जब अपने घर केशकाल (बस्तर) वस्तुस्थिति बताई, तब अस्पताल के अकाउंट में पैसा डाला गया। इसके बाद उन्हें शव मिला।

यह मामला शहर के एक रत्नाबंधा रोड स्थित मल्टीसुपर स्पेशलिटी अस्पताल का है। मिली जानकारी के अनुसार 5 दिन पहले केशकाल के ग्राम चंदेरी निवासी मजदूर रामदेव नाग (45) की तबीयत खराब होने से उसे शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया गया है कि उसे मलेरिया तथा शरीर में खून की कमी की शिकायत थी। परिजनों के मुताबिक 5 दिनों के इलाज और दवाइयों में करीब 36 हजार रुपए खर्च हो गया। फिर भी मरीज रामदेव की सेहत में कोई सुधार नहीं आया।

इस बीच इलाज के दौरान सोमवार को दोपहर 12 बजे उसकी मौत हो गई। चूँकि परिजनों के पास रखा सारा पैसा खत्म हो चुका था, जबकि अस्पताल कभी 17 हजार रुपए बना था इसके जमा करने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। इस बारे मे उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को भी बताया लेकिन कोई फायदा नहीं हु। अस्पताल स्टाफ ने उन्हें साफ शब्दों में कह दिया कि पहले अस्पताल का बकाया राशि जमा कराएं फिर शव उन्हें मिलेगा। इससे मृतक के परिजन परेशान हो गए।

सीएमओ डॉ डीके तुर्रे ने बताया कि पैसों के लिए शव को रोके जाने को लेकर अब तक किसी ने कोई शिकायत नहीं की। मजदूर की मौत के बाद उनका डिस्चार्ज की कागजात बनाए जा रहे थे। यह अफवाह मात्र है।

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