जिले के वनांचल क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से माओवादी गतिविधियां काफी बढ़ गई है। बस्तर में दबाव बढऩे के बाद उन्होंनं सुरक्षित ठिकाने की तलाश में यहां के रिसगांव, मादागिरी, खल्लारी, गादुलबाहरा, आमाबाहरा, लिखमा, चमेदा, बोराई आदि क्षेत्रों में अपनी आमद बढ़ा दी है। पुलिस भी लगातार इनके ऊपर नजर रखे हुए है। शायद यही कारण है कि पिछले दिनों मादागिरी के पास एक मुठभेड़ में पुलिस को गोबरा एलओएस कमांडर जयसिंह को मारने में सफलता मिली थी। पुलिस को सूचना मिली है कि उनके साथी माओवादी इस घटना का प्रतिशोध ले सकते हैं।
यही वजह है कि सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाकर लगातार प्रभावित क्षेत्रों में सर्चिंग की जा रही है। पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती वीआईपी (जनप्रतिनिधि) की सुरक्षा है। उल्लेखनीय है कि इस समय जिले में 6 वीआईपी लोगों को सुरक्षा मिली हुई है। इनकी सुरक्षा में 19 एसपीओ एके-47 और पिस्टल से लैस होकर दिन-रात सुरक्षा ड्यूटी कर रहे है। पुलिस के मुताबिक जिले के मंत्री अजय चन्द्राकर की सुरक्षा में 6 एसपीओ तैनात हैं, जो सभी पिस्टल से लैस है। इसी तरह सिहावा विधायक श्रवण मरकाम को 4 एसपीओ मिले हैं, जिनमें ३ पिस्टल और एक एके-47 से लैस है। विधायक गुरूमुख सिंह होरा के पास 2 एसपीओ है, जिनमें एक पिस्टल और एक एके-47 से लैस है। इसके अलावा पूर्व विधायक पिंकी शाह को 4 पीएसओ मिला है। नागरिक बैंक के अध्यक्ष हरमीत होरा की सुरक्षा में भी 1 पीएसओ तथा सलवा जुडूम से जुड़े रहे ठेकेदार रामभुवन कुशवाहा की सुरक्षा में हर दम 2 पीएसओ तैनात रहते है। पूर्व विधायक अंबिका मरकाम को भी पूर्व में सुरक्षा मिली थी