युवा किसान यतीश श्रीवास्तव, राधेश्याम साहू ने बताया कि फसल चक्र परिवर्तन कार्यक्रम के तहत वर्ष 2017-18 में गांव के 110 किसानों ने धान की बजाए चना की खेती की थी। सभी किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा भी कराया था, लेकिन मौसम की मार से पूरी फसल बर्बाद हो गई। इसके बाद भी किसानों को मुआवजा नहीं मिला। किसान नकुल ढीमर, यादव राम साहू ने बताया कि कृषि विस्तार अधिकारी ने गांव पहुंचकर फसल की जांच भी की। कृषि विभाग की अनावारी रिपोर्ट में फसल उत्पादन मानक में 1 किलो 670 ग्राम प्राप्त हुआ है। कम अनावारी के बाद भी किसानों को मुआवजा नहीं मिला, जबकि पड़ोसी गांव देवरी में अनावारी रिपोर्ट 2 किलो 420 ग्राम उत्पादन के बाद भी वहां के सभी किसानों को फसल बीमा का लाभ मिला है।
किसान हेमलाल साहू, केशव साहू, लेखराम साहू ने कहा कि कृषि विभाग की उदासीनता के चलते किसानों को फसल क्षतिपूर्ति का लाभ नहीं मिल रहा हैं। बार जिला प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रहा है। ऐसे में किसानों में रोष व्याप्त है। किसान गोपाल निर्मलकर ने कहा कि किसानों से छल करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उनकी बातों को गंभीरता से सुनने के बाद कलक्टर डा. सीआर प्रसन्ना ने उन्हें उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। कलक्ट्रेट पहुंचने वाले किसानों में बिसंभर साहू, सोनकुंवर साहू, नीलांबर कुमार साहू आदि शामिल थे।