सूचना पाकर बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक अपनी टीम और अर्जुनी पुलिस के साथ मौके पर पहुंचकर नाबालिगों को अपने संरक्षण (Human trafficking case) में ले लिया। बालिकाओं से पूछताछ करने पर किसी के पास उम्र संबंधी दस्तावेज नहीं था। बुधवार को दोपहर में रेस्क्यू टीम ने उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर उनकी काउसिंलिंग कराया। नाबालिग किशोरियों को गृहग्राम ले जाकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा। टीम में श्रम निरीक्षक फत्तेसिंह परते, यशवंत बैस, राजीव गोस्वामी, प्रमोद अमृत, नीलम साहू व पुलिस शामिल थे।
बालिकाओं से पूछताछ में पता चला है कि इन्हें किसी पिन्टू नामक चालक ने अपने वाहन में बैठाकर मिल में छोड़ा था। पुलिस उसकी पतासाजी कर रही है। बता दें कि वनांचल से बड़ी तादाद में मानव तस्करी कर उन्हें धमतरी लाया जाता है। वर्तमान में कई बालिकाएं मजबूरी में यहां काम कर रही है। यहां तक की उनका शारीरिक शोषण भी होता है।
बाल संरक्षण विभाग की टीम की सक्रियता के चलते पिछले एक साल में 6 बाल श्रमिक मिले थे, जिनमें 4 कोंडागांव और 2 पश्चिम बंगाल के थे। इन्हें सकुशल उनके घर तक पहुंचाया गया। सूत्रों के अनुसार धमतरी के राइस मिलों में वनांचल के श्रमिकों की डिमांड ज्यादा रहती है। दलालों के माध्यम से वे अपनी इस डिमांड की पूर्ति भी कर लेते हैं।
– आनंद पाठक, अधिकारी बाल संरक्षण