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धमतरी : 6 नाबालिग लड़कियों को मानव तस्करी से बचाया

– बस्तर के कोंडागांव की दो लापता लड़कियों को मध्यप्रदेश के गुना जिले में बेचने का मामला सामने आया है। छत्तीसगढ़ की पुलिस ने गुना जिले की पुलिस की मदद से दोनों लड़कियों को बरामद कर लिया है। इस पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

धमतरीJan 07, 2021 / 09:59 pm

CG Desk

human trafficking

चाची ने एक लाख रुपए में बेच दी नाबालिग भतीजी

धमतरी. बस्तर से काम दिलाने के नाम पर 6 नाबालिग लड़कियों को मानव तस्करों (Human trafficking case:) के गिरोह से बचा लेने का मामला सामने आया है। राइस मिलर्स की सूचना पर तत्काल बाल संरक्षण विभाग ने नाबालिगों को अपने सुपुर्द में लेकर बाल कल्याण समिति में काउंसिंग कराकर उनके परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बता दें कि जिले में धान खरीदी और कस्टम मिलिंग का काम शुरू होने के बाद राइस मिलों में बस्तर समेत अन्य क्षेत्रों से बाल श्रमिकों का आना शुरू हो गया हैं। ऐसे ही एक मामले में दलाल ने वनांचल के कोंडागांव से 6 नाबालिग लड़कियों को राइस मिल में काम और अच्छी मजदूरी दिलाने का झांसा देकर धमतरी (Human trafficking case) ले आया। इसके बाद उन्हें शहर से करीब 10 किमी दूर नगर पंचायत आमदी के एक राइस मिल में ले जाकर छोड़ दिया।
बताया गया है कि इन लड़कियों की उम्र 15,16 और 17 साल थी। ये नाबालिक लड़कियां मिलर्स के पास काम मांगने पहुंची, तब इनकी कम उम्र को देखते हुए राइस मिलर्स नंदकुमार राठी ने खुद इसकी सूचना महिला एवं बाल विकास विभाग दी। बता दें कि बाल संरक्षण विभाग की टीम की सक्रियता के चलते पिछले एक साल में 6 बाल श्रमिक मिले थे, जिनमें 4 कोंडागांव और 2 पश्चिम बंगाल के थे। इन्हें सकुशल उनके घर तक पहुंचाया गया।
उम्र संबंधी दस्तावेज भी नहीं था
सूचना पाकर बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक अपनी टीम और अर्जुनी पुलिस के साथ मौके पर पहुंचकर नाबालिगों को अपने संरक्षण (Human trafficking case) में ले लिया। बालिकाओं से पूछताछ करने पर किसी के पास उम्र संबंधी दस्तावेज नहीं था। बुधवार को दोपहर में रेस्क्यू टीम ने उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर उनकी काउसिंलिंग कराया। नाबालिग किशोरियों को गृहग्राम ले जाकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा। टीम में श्रम निरीक्षक फत्तेसिंह परते, यशवंत बैस, राजीव गोस्वामी, प्रमोद अमृत, नीलम साहू व पुलिस शामिल थे।
कई अब भी कर रही है काम
बालिकाओं से पूछताछ में पता चला है कि इन्हें किसी पिन्टू नामक चालक ने अपने वाहन में बैठाकर मिल में छोड़ा था। पुलिस उसकी पतासाजी कर रही है। बता दें कि वनांचल से बड़ी तादाद में मानव तस्करी कर उन्हें धमतरी लाया जाता है। वर्तमान में कई बालिकाएं मजबूरी में यहां काम कर रही है। यहां तक की उनका शारीरिक शोषण भी होता है।
अब तक मिले 12 बाल श्रमिक
बाल संरक्षण विभाग की टीम की सक्रियता के चलते पिछले एक साल में 6 बाल श्रमिक मिले थे, जिनमें 4 कोंडागांव और 2 पश्चिम बंगाल के थे। इन्हें सकुशल उनके घर तक पहुंचाया गया। सूत्रों के अनुसार धमतरी के राइस मिलों में वनांचल के श्रमिकों की डिमांड ज्यादा रहती है। दलालों के माध्यम से वे अपनी इस डिमांड की पूर्ति भी कर लेते हैं।
सभी नाबालिग बालिकाएं कोंडागांव की रहने वाली है। उन्हें अपने संरक्षण में लेकर काउंसिलिंग कराई गई है। इसके बाद उन्हें परिजनों को सौंप दिया जाएगा। बाल श्रमिकों से काम लेना कानूनन अपराध है। अब सभी राइस मिलों में दबिश देकर जांच की जाएगी।
आनंद पाठक, अधिकारी बाल संरक्षण

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